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शहादत देनेवाले पहले सिख गुरु थे गुरु अर्जुनदेव जी
भागलपुर : सिख समुदाय के पांचवें गुरु गुरु अर्जुनदेव महाराज का 412वां शहीदी-गुरु पर्व रविवार को गुरुद्वारा परिसर में मनाया गया. गुरुद्वारा परिसर में सुबह साढ़े 10 बजे से सामूहिक सुखमनी पाठ किया गया. इसमें सिंधी समाज, पंजाबी समाज, सिख समाज समेत अन्य समाज के लोग भी शामिल हुए. गुरुद्वारा ग्रंथी सरदार जसपाल सिंह एवं […]
भागलपुर : सिख समुदाय के पांचवें गुरु गुरु अर्जुनदेव महाराज का 412वां शहीदी-गुरु पर्व रविवार को गुरुद्वारा परिसर में मनाया गया. गुरुद्वारा परिसर में सुबह साढ़े 10 बजे से सामूहिक सुखमनी पाठ किया गया. इसमें सिंधी समाज, पंजाबी समाज, सिख समाज समेत अन्य समाज के लोग भी शामिल हुए.
गुरुद्वारा ग्रंथी सरदार जसपाल सिंह एवं भाई संजय सिंह ने गुरु की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुगल शासन काल में गुरु अर्जुनदेव महाराज ने धर्म की रक्षा के लिए शहादत दी थी. शहादत देने वाले सिख समाज के पहले गुरु थे.
जगह-जगह कच्ची लस्सी का वितरण
इस उपलक्ष्य पर शहर के विभिन्न स्थानों गुरुद्वारा के नीचे, स्टेशन चौक, घंटाघर चौक, गुड़हट्टा चौक आदि पर पर कच्ची लस्सी का वितरण हुआ. ऐसा माना जाता है कि गुरु की आत्मा को ठंडक प्रदान करने के लिए आमलोगों के बीच कच्ची लस्सी बांटा जाता है. गुरुद्वारा परिसर में गुरु का अटूट लंगर हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं व विभिन्न समाज के लोगों ने पंगत में बैठकर लंगर छका. 800 लोगाें ने पंगत में बैठकर प्रसाद ग्रहण किया. कार्यक्रम में अध्यक्ष खेमचंद बचयानी, सचिव सरदार त्रिलोचन सिंह, कोषाध्यक्ष हरचरण सिंह भंडारी, तेजेंद्र सिंह,चरणजीत सिंह, मीडिया प्रभारी सरदार हर्षप्रीत सिंह, विनोद नागपाल, जयंती बचयानी, कुमकुम सरीन, मीरा सौड़ी आदि का योगदान रहा.
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