भागलपुर: झारखंड राज्य पात्रता परीक्षा 2006 प्रकरण के अनुसंधानकर्ता टी वर्धन ने पहले दिन बुधवार को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के छह शिक्षकों से पूछताछ की.
शिक्षकों को लेरर के साक्षात्कार में शामिल होने को लेकर कई सवालों से गुजरना पड़ा. विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में सीबीआइ के सवालों का सामना करने बारी-बारी से शिक्षक पहुंचे. सीबीआइ के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अनुसंधानकर्ता ने शिक्षकों से पूछा कि लेरर के साक्षात्कार में मार्किग का क्या सिस्टम अपनाया था.
क्या जेपीएससी (झारखंड लोक सेवा आयोग) की ओर से मार्किग के लिए कोई गाइड लाइन दी गयी थी. क्या मार्किग को लेकर कोई दबाव था. जो आपने किया, क्या वह स्वविवेक से किया या दबाव से किया. शिक्षकों के द्वारा दिये गये अलग-अलग जवाब दर्ज कर लिये गये हैं, जिसका खुलासा अनुसंधान में बाधा होने की संभावना की वजह से नहीं किया गया है.
गुरुवार व शुक्रवार को भी सीबीआइ के अनुसंधानकर्ता पूछताछ करेंगे. पूछताछ को लेकर सीबीआइ की रांची एंटी करप्शन शाखा के एसपी ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव को पत्र प्रेषित किया था. इसमें कहा गया था कि झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआइ झारखंड राज्य पात्रता परीक्षा 2006 से जुड़े मामले की जांच कर रही है. इस परीक्षा से तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के 35 शिक्षकों के संबंध हैं.
कल इनसे होगी पूछताछ : पीजी बॉटनी विभाग के आरपी उपाध्याय, मारवाड़ी कॉलेज के एमएस हुसैन जॉन, पीजी बॉटनी विभाग के लीला चंद साहा, अरुण कुमार सिंह, पीजी जूलॉजी विभाग के वीएन सिंह, सबौर कॉलेज के सुनील कुमार सिंह, पीजी जूलॉजी विभाग के तपन कुमार घोष, किशोर कुमार सिंह, टीएनबी कॉलेज के सरबदा नंद सिंह, पीजी बॉटनी विभाग के जेवीवी डोगरा, पीजी जूलॉजी विभाग के अमिता मोइत्र, पीजी कॉमर्स विभाग के सदानंद झा, सबौर कॉलेज के अजय कुमार झा, मारवाड़ी कॉलेज के महेंद्र कुमार सिंह, पीजी कॉमर्स विभाग के अशोक कुमार साहा व बिजय प्रसाद सिंह