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आरजू हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त देवानंद मंडल गिरफ्तार 29 कट्ठे जमीन के लिए राणा मियां को चार लाख की दी थी सुपारी

भागलपुर : 10 अक्तूबर 2017 को अधिवक्ता मजहरुल हक उर्फ आरजू की हत्या मामले का मुख्य अभियुक्त देवानंद मंडल उर्फ देवानंद सिंह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. एसएसपी आशीष भारती ने देवानंद की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. तत्कालीन एसएसपी ने विगत 17 फरवरी को अधिवक्ता आरजू हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया था आरजू […]

भागलपुर : 10 अक्तूबर 2017 को अधिवक्ता मजहरुल हक उर्फ आरजू की हत्या मामले का मुख्य अभियुक्त देवानंद मंडल उर्फ देवानंद सिंह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. एसएसपी आशीष भारती ने देवानंद की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. तत्कालीन एसएसपी ने विगत 17 फरवरी को अधिवक्ता आरजू हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया था

आरजू हत्याकांड का…
कि हत्या के पीछे लोदीपुर के जगतपुर स्थित 29 कट्ठे जमीन का विवाद था. देवानंद मंडल नामक व्यक्ति ने जमीन पर कब्जा पाने के लिये अधिवक्ता आरजू की हत्या करने को राणा मियां को चार लाख रुपये दिये थे. राणा के इशारे पर ही उसके गुर्गे माशूक खान, अकरम और मेहताब ने मिलकर आरजू की हत्या कर दी.
हिरासत में लेकर फिर छोड़ दिया गया था देवानंद
मामले के उद्भेदन करने से कुछ दिन पूर्व ही एसआइटी द्वारा देवानंद मंडल को हिरासत में लेकर तीन दिनों तक बरारी थाने में रखकर पूछताछ की गयी थी. उस समय देवानंद मंडल के विरुद्ध कोई भी सबूत नहीं मिलने पर उसे पुलिस ने छोड़ दिया था. इसके बाद पुलिस की गिरफ्त में आये अकरम और मेहताब ने पूरी घटना का खुलासा किया था.
अब्बास की 29 कट्ठा जमीन बनी हत्या की वजह
घटना का खुलासा करते हुए बताया गया था कि मो रज्जाक के बेटे इलियास और अब्बास की जमीन पर लोदीपुर के तहबलपुर निवासी भू माफिया देवानंद मंडल की नजर थी. देवानंद ने पहले इलियास के हिस्से की जमीन खरीद ली थी. उसके बाद उसकी नजर रज्जाक के दूसरे बेटे अब्बास की जमीन पर भी थी. इलियास की जमीन खरीदने के बाद देवानंद लगातार अब्बास पर भी जमीन बेचने का दबाव बना रहा था. लेकिन अब्बास जमीन बेचने को तैयार नहीं हुआ. वहीं अब्बास की ओर से देवानंद मंडल के खिलाफ अधिवक्ता मजहरुल हक उर्फ आरजू ने अब्बास के साथ मिलकर मोर्चा खोल दिया. आरजू के अब्बास के पक्ष में आने के बाद अब्बास मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहा था. देवानंद मंडल को यह यकीन हो गया कि कानूनी लड़ाई में वह कभी भी अब्बास की जमीन को नहीं खरीद पायेगा. इसके बाद देवानंद मंडल ने राणा मियां को आरजू को रास्ते से हटाने के लिए चार लाख रुपये की सुपारी दी थी. अभी तक के अनुसंधान में पाया गया है कि 2.30 करोड़ रुपये मूल्य की 29 कट्ठे की जमीन ही आरजू हत्याकांड का मुख्य कारण है.
अब्बास ने जनवरी में देवानंद को बेची जमीन, तब जुड़‍ी हत्याकांड की कड़ी
विगत वर्ष अक्तूबर माह में आरजू की हत्या के बाद अब्बास कमजोर पड़ गया था. वहीं आरजू हत्याकांड के बाद जनवरी माह में अब्बास ने अपनी जमीन देवानंद मंडल को बेच दी. पुलिस अनुसंधान में इसकी कड़ी हत्याकांड से जुड़ गयी. इसके बाद पुलिस ने इसी दिशा में अनुसंधान शुरू कर दिया. अनुसंधान के दौरान पुलिस ने मामले का खुलासा किया.
पूर्णिया, कटिहार और भागलपुर के टॉवर को किया गया था डंप
मामले के अनुसंधान के दौरान वैज्ञानिक अनुसंधान ने अहम भूमिका निभायी. हत्याकांड के तार भागलपुर समेत पूर्णिया और कटिहार से जुड़ने के बाद निर्देश प्राप्त कर तीनों जगहों के संदिग्ध टॉवर लोकेशनों को डंप कराया गया. इस दौरान माशूक खान, मेहताब और अकरम के मोबाइल लोकेशन का पता चला. हत्या के बाद पूछताछ में माशूक समेत मेहताब और अकरम ने भागलपुर से बाहर होने की बात कही थी. मामले में पुलिस को देवानंद मंडल और राणा मियां के बीच हत्या की सुपारी को लेकर हुए बात की रिकॉर्डिंग भी मिली. एसएसपी ने बताया कि घटना के वक्त राणा मियां खुद पटना में था. जहां फोन से लगातार अपने गुर्गों से संपर्क कर रहा था. पुलिस के अनुसंधान प्रक्रिया की जानकारी रखने वाले राणा ने हत्या में हर एक बारीक सावधानियां बरती थीं.
10 अक्तूबर 2017 को हुई थी अधिवक्ता मजहरुल हक उर्फ आरजू की हत्या
पहुंचा था केस दर्ज कराने, हुआ गिरफ्तार
शुक्रवार को लोदीपुर स्थित जगतपुर की एक जमीन की डील में देवानंद और जिमी नामक व्यक्ति के बीच हुए विवाद के बाद दोनों गुटों में मारपीट हुई थी. इसी मामले को लेकर देवानंद मंडल इशाकचक थाने में केस दर्ज कराने पहुंचा था. जहां पुलिस ने देवानंद से आवेदन लेने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया. देर शाम बरहपुरा में देवानंद और जिमी के बीच हुए विवाद में अपनी बाइक से पहुंचे देवानंद मंडल को बरहपुरा के लोगों ने खदेड़ दिया. इस दौरान देवानंद अपनी बाइक छोड़कर भाग खड़ा हुआ.
केस उठाने की धमकी देने के लिए पहुंचने का लोगों ने लगाया आरोप
स्थानीय लोगों ने देवानंद द्वारा आरजू हत्याकांड मामले में बरहपुरा स्थित मायके में रह रही आरजू की पत्नी और उसके परिजनों को केस उठाने की धमकी के लिये पहुंचने का आरोप लगाया है. इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से इशाकचक थाने में आवेदन दिया गया था. आवेदन लेने के बाद पुलिस ने देवानंद मंडल को गिरफ्तार कर लिया.
एक पार्टी के खेल प्रकोष्ठ के
जिला उपाध्यक्ष हैं देवानंद मंडल
क्या था मामला
10 अक्तूबर 2017 को दोपहर बाद अधिवक्ता मो मजहरूल हक उर्फ आरजू अपने घर से निकले थे. 11 अक्तूबर को जेल रोड के पास उनकी बाइक मिली थी, जबकि कटिहार जिले के पोठिया में उनकी लाश मिली. इस मामले में भीखनपुर के माशूक खान, पंकज कुमार ठाकुर, अकरम और मेहताब काे पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.

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