भागलपुर : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन के लोकसभा चुनाव में हुई हार के बाद भाजपा कार्यकर्ता खाता-बही लेकर हिसाब-किताब करने में लगे हैं.हालांकि हार के बाद अधिकतर कार्यकर्ता शहर में नजर नहीं आ रहे हैं. शहरी कार्यकर्ता अपने घरों में ही पार्टी आलाकमान के पास चुनाव को लेकर किये गये कार्यो का हिसाब देने की तैयारी में लगे हैं. वहीं विधायकों की टोली भी हार का गम नहीं भुला पा रही है. बिहपुर विधानसभा से 20 हजार वोटों से लीड देने की बात कहने वाले विधायक इंजीनियर शैलेंद्र अपने पारिवारिक कार्यो से पुणो (महाराष्ट्र) जा रहे हैं, तो पीरपैंती विधायक अमन पासवान अपने पैतृक घर पीरपैंती में आराम कर रहे हैं.
कार्यकर्ताओं से सीधी मुंह बात करने को कोई तैयार नहीं है. चुनाव में हुई हार की चर्चा करते ही कहने लगते हैं कि चलिये जो हो गया उस पर अब क्या चर्चा करना है. आगे जो चुनौती है अब उसका सामना करना है.
शाहनवाज हुसैन ने अपने साढ़े सात वर्षो के कार्यकाल में जिन इलाकों में सबसे अधिक दौरे किये व कार्यक्रमों में भाग लिया उन्हीं इलाकों से उन्हें सबसे कम वोट मिले. वहीं शहरी क्षेत्र में 2009 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार भी अधिक वोट मिले और एमवाय समीकरण से भी कुछ मत बाहर निकले और भाजपा में गये.
बावजूद इसके हार का ठीकरा मुख्य रूप से शहरी कार्यकर्ताओं पर ही फोड़ा जा रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा है कि शाहनवाज हुसैन के पूरे कार्यकाल के दौरान भागलपुर के विधायक अश्विनी चौबे के साथ उनकी तल्खी कम नहीं हुई. यह अलग बात है कि कहलगांव में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने श्री चौबे को अपने साथ प्रचार अभियान में उतार दिया, पर चौबे की भावुकता भरे बोल शाहनवाज को वोट दिलाने में कामयाब नहीं हो पाये. प्रचार के दौरान चौबे ने कहलगांव के लोगों से कहा था कि मैं अपने ननिहाल आया हूं और इस नाते आप यहां से कमल को वोट दें.