भागलपुर : भागलपुर ट्रिपल आइटी को इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा 50 एकड़ जमीन हैंडओवर कर दिया गया. इसके सर्वे के बाद सीमांकन का काम पूरा हो चुका है. अब राज्य सरकार से लीज डॉक्यूमेंट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. फिलहाल भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज की एक बिल्डिंग में ट्रिपल आइटी संचालित हो रहा है. 23वां ट्रिपल आइटी है, जिसने भागलपुर को तकनीकी शिक्षा के मामले में देशभर में पहचान दिलायी है.
तीन लेबोरेट्री का हो रहा है निर्माण
ट्रिपल आइटी बिल्डिंग में तीन लेबोरेट्री का निर्माण हो रहा है. इनमें पहला डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग लैब, दूसरा माइक्रोवेव लैब और तीसरा कंप्यूटर लैब शामिल है. तीनों लैब दो माह के भीतर बनकर तैयार हो जायेगा.
पहली बार तीसरे ब्रांच में होगा नामांकन : भागलपुर ट्रिपल आइटी में तीसरे ब्रांच पर
मेकाटोनिक्स इंजीनियरिंग की शुरुआत कर दी गयी है. इसमें 30 सीट पर इस बार नामांकन होगा. इससे पहले कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसइ) और इलेक्ट्राॅनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग (इसीइ) में 60-60 सीटें हैं. वर्तमान में इन दोनों सीटों पर 69 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं.
जेईई मेन से दूसरे बैच के छात्रों के आने का इंतजार : देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए जेईई मेन का रिजल्ट जारी हो चुका है. इस बार भागलपुर ट्रिपल आइटी में दूसरे बैच में नामांकन जेईई मेन के आधार पर होगा. जोसा व सीसैब द्वारा की जानेवाली काउंसेलिंग का राउंड पूरा होने के बाद रैंकिंग के आधार पर छात्र यहां नामांकन के लिए आयेंगे.
आइआइटी गुवाहाटी की तर्ज पर बनेगा भवन
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉरमेशन एंड टेक्नोलॉजी (ट्रिपल आइटी) का भवन आइआइटी गुवाहाटी की तर्ज पर बनेगा. आइआइटी गुवाहाटी के आर्किटेक्ट के द्वारा डिजाइन तैयार किया जा रहा है. गंगा से महज कुछ कदम की दूरी पर ट्रिपल आइटी का निर्माण होने वाला है. डिजाइन में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि गंगा के बाढ़ से भवन पर कोई प्रभाव न पड़े. इसका निर्माण 128 करोड़ से होगा. इसके लिए केंद्र सरकार 50 फीसदी राशि देगी, जबकि 35 फीसदी राज्य सरकार और 15 फीसदी बिल्ट्रान (बिहार इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) देगी. राज्य सरकार द्वारा ट्रिपल आइटी को आर्थिक सहयोग देने के बाबत कैबिनेट में फैसला भी पारित किया जा चुका है.
जमीन हैंडओवर हो चुका है. अब राज्य सरकार से लीज डॉक्यूमेंट मिलने का इंतजार है. तीसरे ब्रांच के रूप में शुरू कर चुके मेकाटोनिक्स में अभी 30 सीट पर नामांकन होगा. तीसरे वर्ष से इस ब्रांच में भी 60 सीट पर नामांकन होगा. संस्थान के बच्चे एनएसएस गतिविधि में भी रुचि लेने लगे हैं.