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जैन मंदिर के नाला का पांचवां टेंडर भी रद्द
भागलपुर : विश्व प्रसिद्ध जैन मंदिर रोड पर जलजमाव से श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों को इस बरसात में भी निजात मिलने की उम्मीद करना व्यर्थ है. मंदिर पहुंच पथ का नाला और पीसीसी सड़क के निर्माण का पांचवां टेंडर रद्द हो गया है. हालांकि, सोमवार को नगर निगम ने छठे बार का टेंडर निकाल दिया […]
भागलपुर : विश्व प्रसिद्ध जैन मंदिर रोड पर जलजमाव से श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों को इस बरसात में भी निजात मिलने की उम्मीद करना व्यर्थ है. मंदिर पहुंच पथ का नाला और पीसीसी सड़क के निर्माण का पांचवां टेंडर रद्द हो गया है. हालांकि, सोमवार को नगर निगम ने छठे बार का टेंडर निकाल दिया है मगर, यह फाइनल होगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है. ढाई साल से यह टेंडर के पेच में फंसा है.
अब हालात यह हैं कि, सबकुछ ठीक-ठाक रहा और नगर निगम टेंडर को फाइनल कर भी लिया तो, बरसात के कारण काम शुरू नहीं हो पायेगा. नाला और पीसीसी रोड के लिए अब अगले साल ही उम्मीद की जा सकती है. बता दें कि नवंबर 2016 से ही वश्वि प्रसद्धि जैन मंदिर के पहुंच पथ के नाला और पीसीसी निर्माण को लेकर टेंडर का खेल चल रहा है. यह अगर बना तो 2.40 करोड़ लागत आयेगी.
यहां फंसा पेंच
नगर निगम ने पांचवां टेंडर निकाल था. तीन ठेकेदार तिलकामांझी के अजय कुमार चौधरी, अररिया के राजनंदन यादव व एक अन्य के नाम टेक्निकल बिड खुला था. टेक्निकल बिड में तीनों ठेकेदार सफल रहे. सफल ठेकेदारों का फाइनेंसियल बिड खोला गया. सबसे कम बिड रेट के आधार पर तिलकामांझी के अजय कुमार चौधरी के नाम फाइनेंसियल बिड खुला. उन्हें वर्क ऑर्डर देने की तैयारी चल रही थी. मगर, प्रतिद्वंदी अररिया के ठेकेदार ने चैलेंज कर दिया. टेंडर कागजात की जांच हुयी. उनकी ओर से जो टेंडर कागजात अपलोड किया गया था, वह डुप्लीकेट निकला. इसके चलते नगर निगम की ओर से पांचवां टेंडर रद्द कर दिया गया है.
छठा टेंडर डालने की प्रक्रिया शुरू होगी 13 मई से
नगर निगम ने छठे बार का टेंडर निकाला है. ठेकेदारों के लिए टेंडर भरने की प्रक्रिया 13 मई से शुरू होगी. ठेकेदारों के लिए टेंडर कागजात डाउनलोड करने की तिथि 13 मई से 21 मई रखा गया है. वहीं अपलोड करने की आखिरी तिथि 22 मई निर्धारित किया गया है. टेक्निकल बिड 23 मई को खुलेगा. इसमें सफल ठेकेदारों का फाइनेंसियल बिड खोला जायेगा. फाइनेंसियल बिड खोलने की तिथि 29 मई है. जिस ठेकेदार के नाम फाइनेंसियल बिड खुलेगा, उन्हें ही वर्क ऑर्डर जारी होगा. यानी, मई का महीना टेंडर के पेच में ही फंसा रहेगा.
निगम की नाकामी की भेंट चढ़ा टेंडर, सालों से नाले के पानी में डूबा मंदिर का रास्ता
धार्मिक और ऐतिहासिक स्थानों को स्मार्ट सिटी की योजना से संवारने की भले ही तैयारी चल रही हो, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है. पांच सालों से मंदिर परिसर से लेकर मार्ग नालों के गंदे पानी से तालाब में तब्दील है. यह हमेशा डूबा रहता है. यहां जब नगर विकास मंत्री भी आये थे, तो उनसे नाला और पीसीसी निर्माण का आश्वासन मिला था. मगर, नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों व पार्षदों ने सिस्टम की चौपट कर रख दिया है.
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