भागलपुर: साहब ! बिजली आती जरूर है, लेकिन जाती है तो घंटों नहीं आती है. शहरी उपभोक्ताओं की ओर से कुछ इस तरह की फरियाद कभी फ्रेंचाइजी कंपनी से, तो कभी बेसा के उच्चधिकारी से कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
कंपनी का फ्यूज कॉल सेंटर भी निर्बाध बिजली आपूर्ति नहीं होने की शिकायत पर उनकी ओर से केवल कंप्लेन आइडी देकर पल्ला झाड़ रही है. इससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है.
उपभोक्ता फ्रेंचाइजी कंपनी के इस रवैये से आक्रोशित है और उसका गुस्सा कभी भी फूट सकता है. शुक्रवार को पूरे दिन बिजली संकट गहराया रहा. हर 10-20 मिनट पर बिजली कटती रही. लोगों के बीच सबसे ज्यादा परेशानी का कारण पेयजल बना रहा. बिजली-पानी संकट के कारण अधिकांश घरों में समय से खाना नहीं बन सका और लोग समय से कार्यालय नहीं पहुंच सके. बच्चों की पढ़ाई तो प्रभावित हो ही रहा है.
साथ में समय से उठ कर स्कूल जाने की तैयारी भी खटाई में पड़ रही है. गुरुवार शाम 7.15 बजे से 60 मेगावाट बिजली मिली, लेकिन आधी रात भी बिता और आपूर्ति 35 मेगावाट हो गयी. यानी, आवंटन कम मिलने से आपूर्ति में कटौती के कारण लोगों की पूरी रात छटपटाहट में बिता. शुक्रवार सुबह से 45 मेगावाट बिजली मिली. इसके बाद दोपहर से 50 मेगावाट बिजली मिल रही है, लेकिन उपभोक्ताओं को कोई फर्क नहीं पड़ा है. क्योंकि लोकल फॉल्ट आपूर्ति में बाधक बनी है. दूसरी ओर जरूरत 70 मेगावाट की अपेक्षा 35 से 50 मेगावाट मिलने के कारण निर्बाध आपूर्ति मुश्किल सा हो गया है. बता दें कि पिछले 15 दिनों से शहर में निर्बाध बिजली की आपूर्ति नहीं हो सकी है.