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पत्र पर पूर्व डीएम केपी रमैया के हस्ताक्षर की अब करायी जायेगी फोरेंसिक जांच

18 दिसंबर 2003 को हस्ताक्षर वाले पत्र से मिनी बैंक की तरह काम करने लगा था सृजन समिति डीएम केपी रमैया के पत्र की मूल फाइल का सर्च अभियान सीबीआइ के पास पूर्व डीएम केपी रमैया के गुपचुप बयान देने की चर्चा भागलपुर : जिस पूर्व डीएम केपी रमैया के एक पत्र से सृजन महिला […]

18 दिसंबर 2003 को हस्ताक्षर वाले पत्र से मिनी बैंक की तरह काम करने लगा था सृजन समिति

डीएम केपी रमैया के पत्र की मूल फाइल का सर्च अभियान
सीबीआइ के पास पूर्व डीएम केपी रमैया के गुपचुप बयान देने की चर्चा
भागलपुर : जिस पूर्व डीएम केपी रमैया के एक पत्र से सृजन महिला विकास सहयोग समिति मिनी बैंक के रूप में तब्दील हो गया, उस पत्र पर हुए पूर्व डीएम के हस्ताक्षर की अब फोरेंसिक जांच करायी जायेगी. यह निर्देश पिछले दिनों पूर्व डीएम केपी रमैया के सीबीआइ सबौर कैंप में पूछताछ के बाद आया है. बताया जाता है कि पूर्व डीएम ने अपने हस्ताक्षर वाले पत्र के बारे में कहा कि इसकी पूरी जांच करायी जाये. इस दौरान उनके स्तर से नमूने देने की भी चर्चा है. सूत्रों के अनुसार, पूर्व में डीएम के हस्ताक्षर वाले चेक की जांच करायी गयी थी, जिसमें अधिकतर की रिपोर्ट आ गयी है. इनमें कई के हस्ताक्षर संबंधित डीएम के बैंक में दिये नमूने वाले हस्ताक्षर से पूरी तरह मेल नहीं खा रहे हैं. हालांकि, सीबीआइ ने अभी तक पटना के विशेष कोर्ट में हस्ताक्षर की फोरेंसिक की जांच की रिपोर्ट नहीं जमा की है.
केपी रमैया के जारी पत्र पर सवाल के बाद सवाल
भागलपुर समाहरणालय व संबंधित विभाग का शीर्ष पर उल्लेख नहीं.
शुरुआत से ही समाहरणालय के किसी भी शाखा से जारी होनेवाले पत्र में शीर्ष पर उल्लेख होता है. सृजन वाले पत्र में शीर्ष पर सीधे पत्रांक, दिनांक से शुरू किया गया है.
जिला पदाधिकारी के बदले जिला दंडाधिकारी का मुहर
सृजन वाले पत्र में प्रेषक में जिला पदाधिकारी, भागलपुर है, मगर पत्र के आखिरी में विश्वासभाजन के रूप में जिला दंडाधिकारी की मुहर है. इस मुहर का प्रेषक के नाम से कोई मेल नहीं है. वही प्रेषक के तौर पर जिला पदाधिकारी द्वारा हस्ताक्षर में अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों को विश्वासभाजन के तौर पर निर्देश देना अटपटा लगता है.
जिलाधिकारी के टंकित पत्र में कई चीज लिखावट में
जिलाधिकारी स्तर के टंकित पत्र में लिखावट के रूप में सिर्फ पत्रांक, दिनांक जैसी चीज होती है. पत्र में अन्य चीजों की लिखावट अहम निर्देश वाले पत्र में नहीं किये जाते हैं. एक तरह से अति महत्वपूर्ण पत्र में निर्देश वाले पदाधिकारियों को ‘ सेवा में ‘ को कलम से लिखा गया है.
जिलाधिकारी के निर्देश की मूल संचिका गायब होना
जिलाधिकारी के निर्देश की मूल संचिका गायब होने पत्र पर संदेह गहरा गया है. हालांकि, मूल संचिका के गायब होने की बातें साजिश भी मानी जा रही है.
बैंक ऑफ बड़ौदा ने को-ऑपरेटिव बैंक को दिया राशि संबंधी ब्योरा. बैंक ऑफ बड़ौदा ने को-ऑपरेटिव बैंक को जमा राशि का ब्योरा दे दिया है. इस राशि को लेकर को-ऑपरेटिव बैंक अपनी ऑडिट टीम से मिलान करा रही है. मिलान के बाद मूल राशि व सूद की गबन राशि का आकलन होगा. को-ऑपरेटिव बैंक आकलन के आधार पर बैंक ऑफ बड़ौदा पर राशि रिकवरी का दावा ठोकेगी.

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