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सीबीआइ के सवालों का जवाब ढूंढ़ रहा भू-अर्जन विभाग
भागलपुर : पूर्व भू-अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह पर करायी गयी प्राथमिकी पर जांच कर रही सीबीआइ के द्वारा पूछे गये पांच सवालों का जवाब भू-अर्जन विभाग ढूंढ़ रहा है. यह मामला सृजन घोटाले से संबंधित है. विभाग को जल्द सीबीआइ के नोटिस का जवाब देना है. इसे लेकर तेजी से काम किया जा रहा […]
भागलपुर : पूर्व भू-अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह पर करायी गयी प्राथमिकी पर जांच कर रही सीबीआइ के द्वारा पूछे गये पांच सवालों का जवाब भू-अर्जन विभाग ढूंढ़ रहा है. यह मामला सृजन घोटाले से संबंधित है. विभाग को जल्द सीबीआइ के नोटिस का जवाब देना है.
इसे लेकर तेजी से काम किया जा रहा है. सामान्य प्रशासन ने भी पिछले दिनों जिला प्रशासन के साथ सीबीआइ को पत्र भेजा था, जिसमें अभियोजन पर स्वीकृति प्रदान की थी. सामान्य प्रशासन के निर्देश मिलते ही सीबीआइ ने भू-अर्जन विभाग को प्राथमिकी में राजीव रंजन सिंह पर लगाये गये आरोपों पर एक-एक करके जवाब मांगे हैं.
सीबीआइ के तमाम सवालों का जवाब मिलते ही जांच में काफी सहूलियत मिल जायेगी. बताया जा रहा है कि आरोपित राजीव रंजन सिंह के खिलाफ सीबीआइ कोर्ट में जो चार्जशीट पेश की जायेगी, उसमें सभी तरह के तर्क का जवाब रहेगा. राजीव रंजन सिंह सृजन मामले का पर्दाफाश होने के दौरान ही फरार हो गये थे.
वे अब तक न तो जिला प्रशासन की गिरफ्त में आ सके हैं और न ही सीबीआइ के कब्जे में. राजीव रंजन सिंह पर प्राथमिकी भू-अर्जन कार्यालय के कर्मी विपिन कुमार ने दर्ज प्राथमिकी में उल्लेख किया कि आरोपित राजीव रंजन सिंह पर बाइपास के 32 मौजा का नक्शा मंगवाया था. मगर उस नक्शा को वापस विभाग में नहीं किया. इसको लेकर पहले विभाग में फाइल की खोजबीन की गयी. सीबीआइ ने बाइपास के 32 मौजा नक्शे के कार्यालय का कस्टोडियन, नक्शा भेजने के दौरान निर्गत पत्र, राजीव रंजन सिंह के सिम लेने को लेकर विभाग से पत्र व्यवहार आदि से संबंधित सवाल पूछा है
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