खामोशी तुम्हें जीने नहीं देगी जीना है, तो कोहराम मचा दो
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युवक ने जेइ का बना लिया था वीडियो क्लिप
खामोशी तुम्हें जीने नहीं देगी जीना है, तो कोहराम मचा दो सामूहिक हत्याकांड. आरोपित सिक्सर का फेसबुक पोस्ट नवगछिया : बिहपुर व गौरीपुर के चार युवकों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपित परबत्ता थाना क्षेत्र के नयागांव निवासी सिक्सर झा घटना के बाद 18 नवंबर तक अपने फेसबुक अकाउंट पर गतिविधि में रहा है. […]
सामूहिक हत्याकांड. आरोपित सिक्सर का फेसबुक पोस्ट
नवगछिया : बिहपुर व गौरीपुर के चार युवकों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपित परबत्ता थाना क्षेत्र के नयागांव निवासी सिक्सर झा घटना के बाद 18 नवंबर तक अपने फेसबुक अकाउंट पर गतिविधि में रहा है. फेसबुक खाते पर सक्रिय किसी भी व्यक्ति के स्थान यानी लोकेशन का पता लगाना काफी आसान होता है. ऐसे में अगर पुलिस सक्रिय होती, तो आज सिक्सर सलाखों के पीछे होता. फेसबुक पर किसी के विचार उसके स्वभाव का परिचायक भी होता है.
फेसबुक अकाउंट में सिक्सर ने अपनी वाल लाइन में ही लिखा है कि हम किसी दोस्ती और दुश्मनी दोनों एक बार करते हैं और जिंदगी भर निभाते हैं. इसके अलावा सिक्सर ने लिखा है कि वह आरएसएस से जुड़ा है. उसके वाल पर उग्र राष्ट्रीय विचारधारा से संबंधित कई पोस्ट हैं. सिक्सर को कुल 64 लोग फॉलो करते हैं, जिनमें नवगछिया पुलिस जिले के कई नामचीन लोग भी उसके फ्रेंड लिस्ट में हैं.
गौर करने वाली बात यह भी है कि सिक्सर के पोस्ट से उसकी लेखनी की परिपक्वता का भी पता चलता है. उसने लिखा है कि वह गौरीपुर स्थित सत्यदेव महाविद्यालय का छात्र रहा है. उसकी जन्म तिथि पांच फरवरी 1994 है. उसने फेसबुक पर फिल्म पद्मावती का विरोध किया है और नोटबंदी सहित कई राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों का समर्थन किया है. इन दिनों गौरीपुर और नरकटिया के युवक फेसबुक पर सिक्सर की आइडी खंगाल रहे हैं. मालूम हो कि युवकों की सामूहिक हत्या में सिक्सर झा ने इस घटना में सूत्रधार का काम किया है. पुलिस के अनुसार सिक्सर बिहार से बाहर चला गया है.
आपत्तिजनक पोस्ट भी हैं सिक्सर की आइडी पर
सिक्सर की फेसबुक आइडी पर आपत्तिजनक पोस्ट भी हैं. 17 अक्तूबर 2017 की शाम 5:34 बजे सिक्सर ने चार तस्वीर पोस्ट की है, जिनमें भारी संख्या में गोलियां व दो पिस्टल की भी तस्वीरें हैं. सिक्सर ने यह नहीं बताया है कि उक्त तस्वीर कहां की है. तस्वीरों को देखने से ही पूरा मामला संदिग्ध लगता है. इस तस्वीर को सिक्सर ने अपने मित्रों को भी टैग किया है.
फेसबुक गतिविधि और घटना का समय
फेसबुक की गतिविधि से भी घटना में सिक्सर की संलिप्तता की पुष्टि होती है. अगर कोई भी व्यक्ति व्यस्त रहता है तो वह फेसबुक पर कम ही सक्रिय रहता है. अमूमन फेसबुक पर काफी सक्रिय रहने वाले सिक्सर ने 10 से 13 नवंबर तक कोई पोस्ट नहीं किया है. वह 14 नवंबर से फिर फेसबुक पर सक्रिय हो गया है. उसके पोस्टों से उसकी मानसिक स्थिति का पता भी लगाया जा सकता है. वह 18 नवंबर तक फेसबुक पर गतिविधि में रहता है और जब पुलिस की दबिश होती है तो वह फेसबुक का इस्तेमाल करना छोड़ देता है.
सिक्सर 18 नवंबर तक फेसबुक पर था सक्रिय
फेसबुक पर पोस्ट किया है हथियारों के जखीरे वाली तस्वीर
हर राष्ट्रीय मुद्दे पर भी दिया विचार
इलाके की कई बड़ी हस्तियां भी हैं सिक्सर के फेसबुक फ्रेंड
सिक्सर के कुछ पोस्ट
फेसबुक आइडी की वाल लाइन : हम किसी से दोस्ती व दुश्मनी दोनों एक बार करते हैं और जीवन भर ईमानदारी से निभाते हैं.
18 नवंबर 2017 : यह और बात है कि दुश्मन हुए हैं आज, मगर कल तक तो दोस्त थे, उन्हें बुरा न कहो.
17 नवंबर 2017 : एक लिंक साझा करते हुए कहा है कि खाक मजा है जीने में जब तक दुश्मन को आग न लगी हो सीने में
14 नवंबर 2017 : आंख मिला कर भी न देखूं जिससे दिल न मिले, जबरन सबसे हाथ मिलाना मेरे बस की बात नहीं
एक नवंबर 2017 : ये खामोश जिंदगी तुम्हें जीने नहीं देगी, अगर जीना है तो कोहराम मचा दो
09 अप्रैल 20017 : हम मस्त हैं अपनी मस्ती में और नहीं झांकते किसी बस्ती में, लेकिन जो खलल डालेगा, आग लगा देंगे उसकी बस्ती में.
19 फरवरी : ये मत पूछो क्या मेरा कारोबार है, खौफ की दुकान है दुश्मनों की महफिल में.
31 अक्तूबर 2016 : अजीब सा अंदाज है अपना, तेवर तो तेवर शौक भी जानलेवा.
18 जून 2016 : बंदूक और गिटार दोनों बजाना जनता हूं, अब तुमको तय करना है कि तुम किस धुन पर नाचोगे.
18 मई 2015 : दहशत गोली में नहीं, दिमाग से होती है और मेरा दिमाग तो बचपन से खराब है.
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