भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे के कार्यकाल में नयी गाड़ी के नाम पर खरीद की गयी सेकेंड हैंड गाड़ी मामले में तीन माह बीत गये हैं. रजिस्ट्रार ने हस्ताक्षर सहित रिपोर्ट पुलिस को नहीं सौंपी है, जबकि मामले को लेकर विवि द्वारा बनायी गयी जांच कमेटी ने आंतरिक रिपोर्ट विवि को पांच माह पहले ही सौंप दी है. केस का अनुसंधान कर रहे पुलिस अधिकारी ने कहा कि हस्ताक्षर सहित रिपोर्ट नहीं मिलती है,
तो पुलिस नियम के तहत रजिस्ट्रार पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. यहां तक सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में केस भी दर्ज किया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार नयी गाड़ी खरीद के नाम पर विवि के कुछ लोगों ने सेकेंड हैंड गाड़ी खरीद किया. मामला अप्रैल व मई 2016 का है. गाड़ी के नाम पर विवि खजाना से 14 लाख रुपये से अधिक खर्च किया गया. मामला प्रकाश में आने के बाद कुलपति प्रो नलिनी कांत झा ने प्रोवीसी प्रो रामयतन प्रसाद, पूर्व प्रोक्टर डॉ योगेंद्र व पूर्व डीएसडब्ल्यू डॉ उपेंद्र साह की तीन सदस्यीय टीम बनायी.
जांच रिपोर्ट में विवि के पूर्व अधिकारी, इंजीनियर सहित पांच लोगों पर गंभीर आरोप है. इसे लेकर विवि ने एजेंसी के संचालक पर विवि थाना में प्राथमिकी दर्ज करा चुकी है. साथ ही विवि ने रिपोर्ट के आधार पर विवि के आरोपित लोगों से स्पष्टीकरण भी पूछा था. इसमें कुछ ही लोगों ने जवाब विवि को दिया है. विवि सूत्रों के अनुसार मामले को लेकर पुलिस भी छानबीन शुरू कर दी है. सिटी डीएसपी खुद मामले की निगरानी कर रहे हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार गाड़ी खरीद मामले में दो से तीन लोगों को आरोपित मान रही है. हालांकि अभी पुलिस की जांच जारी है.