भागलपुर : लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, चुनाव प्रचार भी अपने चरम पर पहुंचने लगा है. प्रचार अभियान के दौरान प्रत्याशियों में आचार संहिता का भय अवश्य दिख रहा है. आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न हो, प्रत्याशी व उसके सहयोगी खास ख्याल रख रहे हैं. यही वजह है कि अभी तक शहर में किसी भी प्रत्याशी के बैनर-पोस्टर या होर्डिग्स नहीं दिख रहे हैं.
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता में एक कॉलम संपत्ति का विरुपण अधिनियम भी है. इस अधिनियम के तहत किसी भी निजी, सार्वजनिक या सरकारी संपत्ति, भवन या दीवार पर किसी भी प्रकार का पोस्टर-बैनर या लेखन नहीं किया जा सकता है. ऐसा करना इस अधिनियम का उल्लंघन है. इसका उल्लंघन करने वालों पर संपत्ति का विरुपण निरोध अधिनियम 1987 की धारा-3 एवं भादसं की धारा 426/427 के अधीन कानूनी कार्रवाई की जायेगी. संपत्ति का मतलब केवल भवन की दीवार ही नहीं होती. यह किसी के वाहन आदि भी हो सकते हैं.
इसलिए वाहन आदि पर कोई भी पोस्टर, बैनर आदि लगाना भी उसे विरुपित करना ही है और वह संपत्ति विरुपण के दायरे में आता है. कहीं भी पोस्टर-बैनर लगाने के लिए सबसे पहले उसके मालिक से अनुमति लेनी होगी और इसकी प्रति के साथ ही उसके उपयोग की अनुमति संबंधित पदाधिकारी से लेनी होगी.