नवगछिया एसपी ने डीआइजी को सौंप दी जिसके बाद रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गयी है. पूर्व कोतवाली इंस्पेक्टर को मिस्टर मियां का आपराधिक इतिहास छिपाने का आरोप सत्य पाया गया. विभागीय कार्रवाई के तहत कुमोद कुमार की वेतन वृद्धि पर दो साल की रोक लगायी गयी.
हाइकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया. आइजी ने हाइकोर्ट में शपथ पत्र देकर स्वीकार किया कि मिस्टर मियां के खिलाफ 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं. यह भी कहा कि इंस्पेक्टर कुमोद कुमार के अलावा तत्कालीन तातारपुर थानेदार संजय कुमार विश्वास और आदमपुर थानेदार संतोष कुमार शर्मा के लिए मिस्टर मियां काम करता था. आइजी की रिपोर्ट के बाद हाइकोर्ट ने मिस्टर मियां का बेल रद्द कर दिया. पांच जुलाई 2017 की रात मिस्टर मियां को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा. उसके बाद ही हाइकोर्ट ने कोतवाली के पूर्व इंस्पेक्टर कुमोद कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया था.