83.10 करोड़ गबन मामले में दर्ज प्राथमिकी को लेकर मैनेजर से घंटों हुई पूछताछ
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तहकीकात के लिए इंडियन बैंक पहुंची बांका पुलिस
83.10 करोड़ गबन मामले में दर्ज प्राथमिकी को लेकर मैनेजर से घंटों हुई पूछताछ इंडियन बैंक, काेलकाता की जांच टीम और पटना की विजिलेंस टीम भी कर रही जांच भागलपुर : करोड़ों के सृजन घोटाले का आरोप लगने के बाद से इंडियन बैंक की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. सृजन घोटाले से जुड़े तार […]
इंडियन बैंक, काेलकाता की जांच टीम और पटना की विजिलेंस टीम भी कर रही जांच
भागलपुर : करोड़ों के सृजन घोटाले का आरोप लगने के बाद से इंडियन बैंक की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. सृजन घोटाले से जुड़े तार को लेकर शुक्रवार को बांका पुलिस इंडियन बैंक की भागलपुर शाखा पहुंची. करोड़ों की सरकारी राशि के गबन की दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में पुलिस ने तहकीकात की. इस मामले में शाखा प्रबंधक से घंटों पूछताछ की. कई पुराने दस्तावेज को खंगाला. इस दौरान पुलिस को ऐसे कई चौंका देने वाली जानकारियां मिली है, जिसको वह अपनी रिपोर्ट में शामिल करेगी.
हालांकि, बैंक मैनेजर द्वारा बांका पुलिस को जांच में पूरी तरह से सहयोग किया गया है. पुलिस सवाल-जवाब से संतोषप्रद होकर लौटी है. मालूम हो कि हाल के कुछ दिन पहले भू-अर्जन पदाधिकारी आदित्य नारायण झा द्वारा बांका थाने में वर्ष 2009-13 के तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी जयश्री ठाकुर, प्रबंधक, बैंक ऑफ बड़ौदा एवं इडियन बैंक भागलपुर व सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के सभी पदाधिकारी व संबंधित कर्मी के ऊपर लगभग 83.10 करोड़ की सरकारी राशि के गबन की प्राथमिकी दर्ज करायी है. एसपी चंदन कुशवाहा ने मामले की जांच के लिए एसआइटी टीम तक गठित कर दी है.
गठित 15 सदस्यीय टीम का नेतृत्व एसडीपीओ बांका शशिकांत कुमार कर रहे हैं. टीम को तुरंत छापेमारी व गिरफ्तारी की कार्रवाई का निर्देश पूर्व में ही मिल चुका है. एसडीओ के नेतृत्व में टीम द्वारा भू-अर्जन कार्यालय की जांच चल रही है. डीएम ने जांच टीम के नेतृत्व का जिम्मा डीडीसी को सौंपा है. जिला प्रशासन की जांच टीम में वर्तमान भू-अर्जन पदाधिकारी, वरीय समाहर्ता नीरज कुमार, ट्रेजरी ऑफिसर नवल किशोर यादव, डीआरडीए के सीनियर अकाउंटेंट राकेश कुमार शामिल हैं.
कोलकाता व पटना की टीम वाउचर में ढूंढ़ रही घोटाले का सच
इंडियन बैंक, काेलकाता की जांच टीम और पटना की विजिलेंस टीम दोनों मिल कर घोटाले की तह तक पहुंचने की पुरजोर कोशिश में है. दोनों टीमें ट्रांजेक्शन वाउचर से घोटाले का सच ढूंढ़ रही है. शुक्रवार को भी टीम ने पिछले 10 साल तक के ट्रांजेक्शन वाउचर को निकलवाया. एक-एक ट्रांजेक्शन वाउचर से मिलान कर रहे हैं.
बैंक सूत्र की मानें, जिस पीरियड में सर्वाधिक हाइ लेवल ट्रांजेक्शन हुए हैं और बैंक पर घोटाले का आरोप लगा है, उस पीरियड के कई वाउचर नहीं मिल रहे हैं. हालांकि, बैंक शाखा द्वारा वाउचर ढूंढ़ने की कोशिश जारी है. इधर, यह जांच लंबे दिनों तक चलने की प्रबल संभावना है. दरअसल, एक-एक दिन में आधा दर्जन से ज्यादा सरकारी खाते से सृजन में और सृजन से सरकारी खाते में ट्रांजेक्शन हुए हैं.
लगभग 10 साल तक हुए ट्रांजेक्शन के चलते कई वाउचरों का बंडल बना है. इन बंडल में से एक-एक वाउचर को खाते से मिलना किया जा रहा है. इसके चलते जांच पूरी होने में वक्त लगेगा. मालूम हो कि कोलकाता की जांच टीम में तीन से ज्यादा, तो पटना की विजिलेंस टीम में दो से ज्यादा अधिकारी शामिल है. जांच पूरी होने तक यह टीम भागलपुर में ही रहेगी.
शुक्रवार की रात पुलिस पहुंची बैंक ऑफ बड़ौदा
शुक्रवार की रात लगभग नौ बजे एसआइटी की टीम बैंक ऑफ बड़ौदा पहुंची. केस के आइओ इशाकचक थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर रामएकवाल यादव के साथ अन्य पदाधिकारी बैंक पहुंचे. पुलिस की टीम ने बैंक के अंदर बैठ कर कई महत्वपूर्ण फाइल की जांच की. बैंक अधिकारी से पहले ही कह दिया गया था कि किन दस्तावेज की जरूरत है.
इआेयू टीम फिर से पहुंची जांच के लिए बैंक
शुक्रवार को फिर से इओयू की टीम बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा पहुंची और बैंक पर लगे घोटाले के आरोप की सच की जांच की. इस दौरान शाखा प्रबंधक से पूछताछ की. साथ ही कई औपचारिकताएं पूरी की गयी. शाखा प्रबंधक नवीन कुमार साहा की ओर से भी इओयू टीम को पूरी तरह से सहयोग किया गया.
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