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किसान कैसे होंगे समृद्ध बीएयू में बनेगी रणनीति
सबौर: देश के किसानों में प्रसार के माध्यम से समृद्धि किस प्रकार लायी जाये इसकी क्या रणनीति हो, कैसे इसकी कार्ययोजना बने, इसको लेकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में 28 से 30 नवंबर को नेशनल सेमिनार का आयोजन होने जा रहा है. उक्त सेमिनार देश के कृषि प्रसार इंडियन सोसाइटी ऑफ एक्सटेंशन एजुकेशन द्वारा आयोजित […]
सबौर: देश के किसानों में प्रसार के माध्यम से समृद्धि किस प्रकार लायी जाये इसकी क्या रणनीति हो, कैसे इसकी कार्ययोजना बने, इसको लेकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में 28 से 30 नवंबर को नेशनल सेमिनार का आयोजन होने जा रहा है. उक्त सेमिनार देश के कृषि प्रसार इंडियन सोसाइटी ऑफ एक्सटेंशन एजुकेशन द्वारा आयोजित किया जायेगा.
कब और कहां हुई कृषि प्रसार की स्थापना: विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आरके सोहाने कहते हैं कि इंडियन सोसाइटी ऑफ एक्सटेंशन एजुकेशन की स्थापना भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नयी दिल्ली में 1964 में की गयी. इसके पहले देश में पहली बार 1955 से ही बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर में प्रसार शिक्षा में पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई प्रारंभ की गयी थी. यही कारण है कि आज विश्वविद्यालय बनने के बाद उक्त विषय पर नेशनल सेमिनार करने का निर्णय इंडियन सोसाइटी ऑफ एक्सटेंशन एजुकेशन ने लिया है. प्रसार शिक्षा का जनक कहे जाने वाले डॉ केएन सिंह इसी महाविद्यालय में थे.
ये होगा सेमिनार का विषय: सेमिनार का विषय ‘किसानों की दुगुनी आय हेतु कौशल की आवश्यकता एवं प्रसार शिक्षा की भूमिका ’होगा. सेमिनार के संरक्षक कुलपति डॉ अजय कुमार सिंह होंगे. संयोजक प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर के सोहाने, आयोजक सचिव बिहार कृषि महाविद्यालय के प्रसार शिक्षा के चेयरमैन डॉ सियाराम सिंह होंगे. सेमिनार में देश स्तर के विशेषज्ञ, प्रसार कार्यकर्ता, वैज्ञानिक, किसान शिरकत करेंगे.
प्रसार के माध्यम से इजाद तकनीक किस प्रकार किसानों तक बहुत जल्द पहुंचे, सेमिनार का मुख्य उद्देश्य यही है. किसानी की नयी तकनीक से देश के किसान समृद्ध बनेंगे.
डॉ अजय कुमार सिंह, कुलपति बीएयू सबौर
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