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चार हजार राशन कार्ड रद्द

कार्रवाई. कहलगांव अनुमंडल में जांच के बाद आदेश जारी अनुमंडल के कहलगांव, पीरपैंती व सन्हौला प्रखंड के अपात्र परिवारों के राशन कार्ड रद्द कर दिये गये हैं. कहलगांव : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत राशन कार्डधारियों के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार पिछले चार माह से शहर से लेकर गांवों तक डाटा वेरिफिकेशन […]

कार्रवाई. कहलगांव अनुमंडल में जांच के बाद आदेश जारी

अनुमंडल के कहलगांव, पीरपैंती व सन्हौला प्रखंड के अपात्र परिवारों के राशन कार्ड रद्द कर दिये गये हैं.
कहलगांव : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत राशन कार्डधारियों के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार पिछले चार माह से शहर से लेकर गांवों तक डाटा वेरिफिकेशन (सर्वे व जांच) के बाद यह निर्णय लिया गया. दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में जिन लोगों को अपात्र मानकर उनके राशन कार्ड रद्द किये गये हैं उनमें से ज्यादातर लोगों का कहना है कि राशन कार्ड मिलने की तो बात दूर, हमलोगों ने डीलर के यहां से आजतक अनाज उठाया ही नहीं है. इन लोगों ने सर्वे के लिए चौकीदारों को लगाये जाने पर भी सवाल उठाया है.
कार्डधारियों को जारी किया गया था नोटिस : हाल ही में विधानसभा में विपक्ष ने प्रदेश में राशन घोटाले का मुद्दा उठाया था. उसके बाद से सरकार फर्जी राशन कार्डधारियों की खोज करा रही है. लेकिन, मजेदार बात यह है कि इस खोज में जिला के वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर अनुमंडल में थानों को लगाया गया है. शक के दायरे में आने वाले कार्डधारियों को एक नोटिस देकर पूछा गया है कि वे बतायें कि उनके राशन कार्ड को क्यों नहीं रद्द किया जाये? इस काम के लिए थानाध्यक्षों ने अपने-अपने चौकीदारों को लगाया है. सवाल यह उठता है कि क्या चौकीदारों के भरोसे फर्जी राशन कार्डधारियों की पहचान ठीक से हो पायी होगी?
कई लोगों ने कहा, हमने कभी राशन उठाया ही नहीं : इधर अपात्र कार्डधारी घोषित किये गये शिवनारायणपुर बाजार निवासी दिवाकर कुमार, कपिलदेव प्रसाद राम, सुधीर कुमार, प्रभात कुमार सिन्हा, राजेंद्र मंडल,भूपेंद्र प्रसाद, वीरेंद्र कुमार सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि अनुमंडल कार्यालय से प्राप्त नोटिस का लिखित जवाब देते हुए हमलोगों ने कहा है कि हमने आज तक न तो राशन कार्ड व कूपन देखा है और न ही डीलर के यहां से कभी राशन उठाया है.
ठीक से हो सर्वे, तो अनाज गटकने वाले साहब भी हो सकते हैं बेनकाब : ऐसे लोगों का आरोप है कि साजिश के तहत वर्षों से फर्जी राशन कार्ड व कूपन बना कर अनाज का उठाव यानी गोलमाल किया जा रहा है. यदि अधिकारी डोर-टू-डोर सर्वे व जांच करायें, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं और फर्जी राशन कार्डधारियों के नाम पर राशन गटकने वाले साहब और डीलरों के नाम भी उजागर हो सकते हैं.
अनुमंडल में कितने कार्डधारी
अनुमंडल के कहलगांव प्रखंड (ग्रामीण क्षेत्र) में करीब 51 हजार, कहलगांव नगर पंचायत क्षेत्र में करीब पांच हजार, पीरपैंती प्रखंड में करीब 41 हजार और सन्हौला प्रखंड में करीब 29 हजार राशन कार्डधारी हैं.
सर्वे में चौकीदारों को लगाने पर सवाल
अपात्र कार्डधारियों का पैमाना
सरकार ने अपात्र राशन कार्डधारी परिवारों के लिए निम्नलिखित पैमाने तय कर रखे हैं.
वैसे लोग, जिन्हें तीन कमरे या इससे अधिक का घर हो
जिन्हें पक्का/कंक्रीट/छत युक्त मकान हो
जिनके पास दोपहिया-चारपहिया वाहन, रेफ्रिजेटर,वाशिंग मशीन हो.
कहते हैं पदाधिकारी
जिला खाद्य आपूर्ती पदाधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार दर्द ने बताया कि अपात्र राशन कार्डधारियों की पहचान का यह प्रारंभिक दौर है. जिले में कुल कार्डधारियों की संख्या 458988 है. इनमें से 21000 अपात्र हैं. सर्वे व जांच के बाद फिलहाल जिले भर में करीब 6000 अपात्र राशन कार्डधारियों की पहचान कर उनके राशन कार्ड रद्द कर दिये गये हैं.
अपात्र कार्डधारियों की संख्या
कहलगांव ग्रामीण क्षेत्र
प्रतिवेदित अपात्र परिवार : 2780
रद्द कार्ड की संख्या : 2076
शेष नोटिस : 706
नगर पंचायत क्षेत्र
अपात्र परिवारों की संख्या : 570
रद्द कार्ड की संख्या : 494
शेष नोटिस : 76
पीरपैंती प्रखंड
अपात्र परिवारों की संख्या : 856
रद्द कार्ड : 794
शेष नोटिस : 62
सन्हौला प्रखंड
अपात्र परिवारों की संख्या : 857
रद्द कार्ड : 499
शेष नोटिस : 358

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