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जीएसटी इफेक्ट: दवाइयां बिगाड़ेंगी बजट, मकान बनाना भी महंगा रहें तैयार, एक से बदल जायेगा बाजार
भागलपुर: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद जीवन रक्षक दवाइयां महंगी हो जायेंगी. अभी तक दवाइयों पर वैट व इंट्री टैक्स ही लिया जाता रहा है. 90 फीसदी दवाइयां एक्साइज होती हैं. जीएसटी लागू होने के बाद दवाइयों पर 28 प्रतिशत तक टैक्स लगा दिया गया है. इसका असर यह होगा कि […]
भागलपुर: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद जीवन रक्षक दवाइयां महंगी हो जायेंगी. अभी तक दवाइयों पर वैट व इंट्री टैक्स ही लिया जाता रहा है. 90 फीसदी दवाइयां एक्साइज होती हैं. जीएसटी लागू होने के बाद दवाइयों पर 28 प्रतिशत तक टैक्स लगा दिया गया है. इसका असर यह होगा कि औसतन सभी दवाइयां पांच फीसदी तक महंगी हो जायेंगी.
अब तक देश में फार्मास्युटिकल कंपनियों को अलग-अलग श्रेणी में रखते हुए केंद्रीय शुल्क से मुक्त रखा जाता रहा है. कंपनियां अधिकतम छूट वाली श्रेणी में दवाई निर्माण कर रही हैं. कंपनियों से टैक्स भी अलग-अलग तरह से लिया जाता था. जीएसटी में इन दवाओं को अलग-अलग श्रेणी में डाल कर पांच दरों में बांट दिया गया है. शून्य से 28 प्रतिशत की तय दरों को दवाअों के प्रकार के अनुसार रखा गया है. इससे दवाइयां सस्ती होने की बजाय महंगी हो जायेंगी.
अावश्यक दवाओं पर बढ़ेगा खर्च: इस बीच केंद्र सरकार ने आवश्यक श्रेणी की नेशनल इसेंशियल मेडिसिन पर भी तीन फीसदी दर बढ़ाने की अनुमति दे दी है. वर्तमान में इन पर पांच प्रतिशत वैट, 2.9 प्रतिशत एक्साइज व एक फीसदी इंट्री टैक्स लगता है. इस तरह कुल 8.9 प्रतिशत कर लगता था. अब इसे सीधे 12 प्रतिशत की श्रेणी में रख दिया गया है.
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