बेगूसराय (नगर) : नगर निगम में सोमवार को लोक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर शहर के प्रमुख लोगों ने वर्ष 2017-18 के बजट निर्माण पर चर्चा के लिए बैठक की गयी. बैठक में प्रमुख लोगों के द्वारा उठाये गये बजट सवालों पर जवाब देते हुए नगर निगम के महापौर उपेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि नगर निगम के पास मात्र एक सरकारी कर्मचारी है. अभियंता व सीटी मैनेजर नहीं है. नगर आयुक्त का पद स्थायी है लेकिन कोई भी स्थायी रूप से नगर आयुक्त सरकार नहीं दे पा रही है. इन सब अभावों के बीच निगम विकास कार्य में रात-दिन लगी हुआ है.
छह हजार लोगों को शौचालय की प्रथम किस्त राशि का भुगतान किया गया, जबकि 15 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य है. शहर से पानी निकालने के लिए चार पंप, दर्जनों प्याउ का निर्माण, सस्ते में अच्छे कंबल का वितरण, दर्जनों हाइ मास्ट लैंप व 12 सौ एलइडी बल्ब आदि लगाये गये वहीं कला को विकसित करने के लिए महापौर राहत कोष को खोला गया, जिसमें आम लोगों के सहयोग की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शहर में 10 स्थान चयनित किये गये हैं, जहां मार्च के अंत तक सीसीटीवी कैमरा लगाये जायेंगे.वही बुद्धिजीवियों में अधिवक्ता प्रमोद कुमार ने जलजमाव से पूरा शहर अस्त-व्यस्त है. इस पर निगम की क्या योजना है इस पर जानकार लोगों से सलाह लेकर काम करना जरूरी है. वहीं व्यवसायी सह पूर्व पार्षद रंजीत कुमार ने शहर में एक भी महिला शौचालय नहीं होने पर ध्यान दिलाया. रजनीकांत पाठक ने कूड़ा उठाने वालो को दरवाजे पर आने पर कोई सूचक लगाने की बात कही और कहा कि अभी से फॉगिंग से छिड़काव शुरू होना चाहिए. पूर्व प्राचार्य शालीग्राम सिंह ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए निगम को कड़ाई करना पड़ेगा,
वहीं डाॅ रंजन कुमार चैधरी ने भी अतिक्रमण शहर के लिए कोढ़ बताया और हर -हर महादेव चौक और जीडी कॉलेज के सामने लगे अस्थायी दुकान हटाने पर जोर दिया. वही अनिल पतंग और प्रवीण कुमार गुंजन ने शहर में एक और प्रेक्षागृह बनाने के बजट में प्रवाधान रखने की बात कही. शहर के कई लोगों शहर के विकास के लिए अपनी अपनी योजनाओं को रखा.नगर निगम महापौर श्री सिंह ने कहा कि महिलाओं के लिए शौचालय अप्रैल माह के अंत तक शहर के कई स्थानाें पर बना लिया जायेगा. शहर से जलजमाव समस्या से निजात पाने के लिए सरकार से इस पर कार्य करने के लिए विशेषज्ञ बुलाये जायेंगे. चिह्नित किये गये कई चौक-चौराहोंं पर निगम का छतरी लगा कर बैठने और पढ़ने के लिए पेपर की व्यवस्था की बजट में प्रावधान रखा जायेगा.