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एक अप्रैल से शराब बंदी के बाद की गयी कार्रवाई का रुझान

शराब बंदी के बाद कितने स्थानों पर की गयी छापेमारी- 1964 कितने लोगों को किया गया गिरफ्तार- 161 कुल जब्त की गयी विदेशी शराब- 896.58 लीटर कुल जब्त की गयी देशी शराब- 40.02 लीटर कुल जब्त की गयी ताड़ी- 209.9 लीटर कुल जब्त किया गया गांजा- 730 ग्राम देश के छह राज्यों से शराब ट्रांसपोर्ट […]

शराब बंदी के बाद कितने स्थानों पर की गयी छापेमारी- 1964

कितने लोगों को किया गया गिरफ्तार- 161
कुल जब्त की गयी विदेशी शराब- 896.58 लीटर
कुल जब्त की गयी देशी शराब- 40.02 लीटर
कुल जब्त की गयी ताड़ी- 209.9 लीटर
कुल जब्त किया गया गांजा- 730 ग्राम
देश के छह राज्यों से शराब ट्रांसपोर्ट के जरिये आ रही
पुलिस को भनक तक नहीं लगती, सामने से गुजर जाते हैं वाहन
बेगूसराय/नीमाचांदपुरा : तू डाल-डाल तो मैं पात-पात वाली कहावत की तर्ज पर शराब माफियाओं के द्वारा जिले में शराबखोरी का धंधा चलाया जा रहा है. तुर्रा कुछ यूं है कि शराब माफिया पुलिस के सामने शराब की खेप लेकर निकल जाते हैं, लेकिन उन्हें भनक तक नहीं लग पाती है. दरअसल, माफिया की इस तकरीब को न पुलिस समझ पाती है और न ही वहां तक उनका सोच पहुंचता है. ज्ञात हो कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद भी शराब तस्करों द्वारा चोरी छिपे छह राज्यों से शराब की खेप लाकर उसकी बिकी की जा रही है. शराब तस्करों ने पुलिस की बढ़ती दबिश को देखते हुए शराब की खेप लाने के लिए नये तरीके का इजाद किया है.
शराब की खेप अब बंगाल, यूपी, एमपी, पंजाब, हरियाणा व झारखंड से कोयला लदे ट्रकों के अलावा साइकिल पार्ट्स के कार्टन में ट्रकों पर छिपा कर लायी जा रही है. इसके अलावा सब्जी की टोकरी, खाद्य वस्तुओं की पैकिंग के अलावा कपड़ों के बंडल में भी शराब छिपा कर दूसरे राज्यों से लायी जा रही है. इस बात का खुलासा अपराध अनुसंधान विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक ने जिलों को भेजी गयी अपनी रिपोर्ट में किया है.
दूसरे राज्यों से जुड़े हैं माफियाओं के तार : इस रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि दूसरे राज्यों से शराब की खेप लाये जाने के अलावा शराबबंदी के पूर्व खास कर सुदूर देहाती क्षेत्र, दियारा क्षेत्रों, पहाड़ी तलहट्टी, जंगली इलाकों में छुपा कर रखे गये स्टॉक की भी चोरी -छिपे बिक्री की जा रही है. अपराध अनुसंधान विभाग द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट में कहा गया है की छह राज्यों से लायी गयी शराब की खेप को बंद पड़े गोदाम, सुदूर देहाती क्षेत्र के बंद पड़े बोरिंग ट्यूबवेल रूम, मवेशियों को खिलाने के लिए संग्रहित भूसा पुआल का कमरा, बालू का ढेर, चिमनी भट्ठा में मजदूरों के लिए बनाया गये कमरे, झोंपड़ियां, ब्यूटी पार्लर, हास्टल के उपेक्षित पड़े कमरे, उपेक्षित पड़े सरकारी एवं गैर सरकारी भवन में छिपा कर रखा जाता है और फिर मांग के अनुसार उसकी आपूर्ति की जाती है.
सोशल मीडिया से ग्राहकों की होती है खोज : विभाग की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि शराब की खेप लाने के लिए तस्करों द्वारा विशेष तरह के वाहन का उपयोग किया जाता है. शराब तस्करों द्वारा इसके लिए कंटेनर, एंबुलेंस, हाइवा, मोडिफायड ट्रक, लग्जरी चरपहिया वाहनों का उपयोग किया जाता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि बाहर से शराब की खेप मंगाने के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से शराब खरीदने वाले ग्राहकों की खोज की जाती है और फिर एजेंट के माध्यम से उनके ठिकाने पर ऊंची कीमत पर शराब की आपूर्ति की जाती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शराब को बेचने के लिए कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र, फेरी लगाने वाले, खिचड़ी परोस दुकानदार, स्थानीय स्तर पर सौंदर्य प्रसाधन का सामान बेचने वाली महिलाएं, टोकरी या ठेले पर सब्जी बेचने वाले खोमचेदारों को एजेंट के रूप में शराब तस्कर उपयोग कर रहे हैं.
थानेदारों को दिया निर्देश
राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश बाद कई राज्यों से आ रही शराब की खेप पर नजर रखने का निर्देश सभी थानेदारों को दिया गया है. इसके अलावा शराब के तस्करों द्वारा अपनायी जा रही नयी तकनीक से भी अवगत कराते हुए उस पर नजर रखने को कहा गया है.
राजेश कुमार, एसडीपीओ, बेगूसराय

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