व्यवहार न्यायालय का उद्घाटन होते ही खुशी से झूम उठे लोग
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अब मुकदमों का होगा त्वरित निष्पादन
व्यवहार न्यायालय का उद्घाटन होते ही खुशी से झूम उठे लोग बलिया : व्यवहार न्यायालय का शुभारंभ होते ही सभी प्रकार के मामलों का निष्पादन बलिया में ही संभव हो सकेगा. दीवानी वाद एवं साधारण किस्म के आपराधिक मामलों का निष्पादन इन न्यायालयों द्वारा किया जायेगा. ज्ञात हो कि बलिया अनुमंडल क्षेत्र के लंबित मुकदमों […]
बलिया : व्यवहार न्यायालय का शुभारंभ होते ही सभी प्रकार के मामलों का निष्पादन बलिया में ही संभव हो सकेगा. दीवानी वाद एवं साधारण किस्म के आपराधिक मामलों का निष्पादन इन न्यायालयों द्वारा किया जायेगा. ज्ञात हो कि बलिया अनुमंडल क्षेत्र के लंबित मुकदमों की संख्या कई हजार है. अब इसका त्वरित निष्पादन होना संभव हो जायेगा. अधिवक्ता अमर भूषण सिंह का मानना है कि व्यवहार न्यायालय का उद्घाटन होने से क्षेत्र के लोगों को सस्ता न्याय द्वार-द्वार पर ही उपलब्ध होगा. वकील संघ के महासचिव मणिशंकर प्रसाद यादव का कहना है
कि अविलंब न्यायालयों को सुसज्जित कर मुकदमों का त्वरित निष्पादन होगा. वकील संघ के अध्यक्ष रघुवर श्याम सिंह ने उद्घाटन का श्रेय जिला एवं सत्र न्यायाधीश गंगोत्री राम त्रिपाठी को दिया. व्यवहार न्यायालय के उद्घाटन से लोगों में हर्ष है. सनद रहे कि बलिया अनुमंडल का उद्घाटन राजद सरकार के कार्यकाल में 28 अप्रैल, 1992 को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने प्रखंड के ट्राइसेम भवन में किया था. अनुमंडल को 16 वर्ष एक माह 16 दिन बाद दो करोड़ दो लाख की लागत से विभिन्न तीन मंजिला भवन बलिया अनुमंडल को मिला. तीन मंजिले अनुमंडल भवन के ग्राउंड फ्लोर के छह कमरे में अनुमंडल व्यवहार न्यायालय का शुभारंभ हुआ.
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