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डायरिया से किशोरी की मौत,कई आक्रांत

दहशत . साहेबपुरकमाल व बरौनी प्रखंडों में डायरिया का प्रकोप, लोगों के बीच भय पीिड़तों का इलाज बेगूसराय सदर अस्पताल में कराया जा रहा है जागरूकता व साफ-सफाई पर िवशेष ध्यान देने की सलाह दी गयी बाढग्रस्त इलाके में दवा िछड़काव कराने की लोगों ने की मांग साहेबपुरकमाल : प्रखंड क्षेत्र के पंचवीर पंचायत अंतर्गत […]

दहशत . साहेबपुरकमाल व बरौनी प्रखंडों में डायरिया का प्रकोप, लोगों के बीच भय
पीिड़तों का इलाज बेगूसराय सदर अस्पताल में कराया जा रहा है
जागरूकता व साफ-सफाई पर िवशेष ध्यान देने की सलाह दी गयी
बाढग्रस्त इलाके में दवा िछड़काव कराने की लोगों ने की मांग
साहेबपुरकमाल : प्रखंड क्षेत्र के पंचवीर पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर छह में महादलित टोला में डायरिया की चपेट में आने से एक किशोरी की मौत हो गयी. जबकि एक दर्जन से अधिक लोग आक्रांत हो गये. जिनका इलाज बेगूसराय सदर अस्पताल में चल रहा है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने प्रभावित क्षेत्र पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया और एक डॉक्टर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय मेडिकल टीम को प्रभावित मोहल्ला में तैनात कर दिया है.पंचायत की मुखिया ललिता कुमारी ने बताया कि पांच सितंबर को पुकार सदा का पुत्र डायरिया से आक्रांत हो गया था. इसके बाद बारी-बारी से एक के बाद एक परिवार डायरिया की चपेट में आ गये .
डायरिया से आक्रांत जितेंद्र साह की 15 वर्षीय पुत्री खुशबू कुमारी की बेगूसराय सदर अस्पताल में इलाज के दौरान गुरुवार को मौत हो गयी,जबकि जितेंद्र साह की दूसरी पुत्री निशा कुमारी,छोटे लाल सदा की पुत्री कनिशा कुमारी,पप्पू सदा का आठ वर्षीय पुत्र छोटू कुमार और नौ वर्षीय पुत्री सीमा कुमारी,मिट्ठू सदा का आठ वर्षीय पुत्र बजरंगी कुमार,पांच वर्षीय पुत्र सत्यदेव कुमार,विंदेश्वरी सदा का आठ वर्षीय पुत्र दिलचंद कुमार और सात वर्षीय पुत्र बॉबी कुमार,घूरन सदा का आठ वर्षीय पुत्री हीरा कुमारी एवं अन्य का इलाज बेगूसराय सदर अस्पताल में चल रहा है.इसके अलावा पंचवीर कामा स्थान मेडिकल कैंप में रामशंकर सदा के 10 वर्षीय पुत्री मौसम कुमारी ,रामेश्वर सदा की 25 वर्षीया पुत्री चंदा कुमारी ,राजेश सदा की सात वर्षीय पुत्र जितेंद्र कुमार,एवं अन्य का उपचार किया जा रहा था.
मेडिकल कैंप में डॉ रागिव कुमार,डॉ मुस्तफा,डॉ हादी फारूक की देखरेख में उपचार किया जा रहा था.मौके पर स्वास्थ्य प्रबंधक संतोष कुमार,मुखिया ललिता कुमारी,सरपंच रेणु देवी,पूर्व मुखिया नंद किशोर सुमन आदि जन प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.
बीहट़ . बरौनी प्रखंड के मल्हीपुर दक्षिणी पंचायत अंतर्गत चकिया में डायरिया से एक दर्जन से अधिक बच्चे बीमार हो गये है. इन लोगों का इलाज किसी निजी अस्पताल में चल रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत तीन दिनों से चकिया के वार्ड संख्या- 5 को डायरिया ने अपनी चपेट में लेना शुरू किया और देखते ही देखते एक दर्जन से अधिक बच्चे बीमार हो गये. ग्रामीण चंद्र भूषण राय,विष्णुकांत राय,जितेंद्र कुमार, विनोद भारती, राजीव कुमार सहित अन्य लोगों ने बताया कि सात सितंबर को अमरजीत राय का 4वर्षीय पुत्र रिषी कुमार को कै- दस्त की शिकायत शुरू हुई और कुछ देर बाद उसने दम तोड़ दिया. ग्रामीणों ने बताया कि डायरिया की वजह से धरम राय का पुत्र प्रणव ऐलेक्सिया अस्पताल में जीवन और मौत के बीच झूल रहा है .वहीं रत्नेश कुमार राय का निखिल और तन्मय,विरोधी राय का पुत्र अंशु,अंकित और बेटी अंकिता,विनोद भारती का पुत्र प्रणव सहित करीब एक दर्जन से अधिक बच्चे डायरिया से
पीडि़त हैं.
मामले की जानकारी मिलते ही बरौनी पीएचसी चिकित्सा प्रभारी डॉ मणि भूषण शर्मा दल-बल के साथ चकिया पहुंचे और टोले के पीछे जलजमाव का निरीक्षण किया. पीड़ित परिवार से मिल कर ओआरएस का पाउच, हेलोजन एवं मेट्रो निडाजोल सहित अन्य दवाइयों का वितरण किया.उन्होंने लोगों को जागरूक करते हुए कहा दवाइयों के साथ- साथ थोड़ी सावधानी आवश्यक है. उन्होंने कहा कि बासी खाना से परहेज करें,खाने से पहले अच्छी तरह से हाथ साबुन से धो लें, खाना को ढँककर रखना तथा मछली के सेवन से परहेज करना चाहिए. उन्होंने क्षेत्र की आशा और एएनम को पूरी तरह से चौकसी रखने की हिदायत दी.मामले की जानकारी मिलते ही एसीएमओ डॉ विरेश्वर प्रसाद चकिया पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया एवं गली-गली में गैमिक्सन और चूने के छिड़काव का निर्देश दिया.मौके पर बरौनी प्रखंड प्रमुख सोनी देवी, स्वास्थ्य प्रबंधक सुबीर कुमार पंकज, एएनएम नीलम झा,फार्मासिस्ट उमेश कुमार,राजू कुमार सहित अन्य मौजूद थे.
साहेबपुरकमाल. प्रखंड क्षेत्र में डायरिया के पांव पसारने की खबर से लोगों में दहशत व्याप्त है.एक सप्ताह के भीतर डायरिया की चपेट में आ जाने से दो लोगों की मौत हो गयी है .खासकर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जलजमाव के कारण उत्पन्न होने वाली दुर्गंंध से महामारी फैलने की आशंका से लोग भयाक्रांत हैं.
हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ग्रस्त क्षेत्र हीराटोल,श्रीनगर,ज्ञानटोल और बहलोरिया गांव में गैमेक्सिन पाउडर और चूना का छिड़काव कर देने का दावा किया जा रहा है .फिर भी डायरिया को लेकर लोगों में संशय बरकरार है. दो सप्ताह पूर्व सादपुर गांव में डायरिया फैलने से लगभग एक दर्जन लोग बीमार हो गये थे.जबकि इसी माह के प्रथम सप्ताह में विष्णुपुर आहोक पंचायत के तुलसी टोला में भी डायरिया की चपेट में आने से राजेंद्र पासवान का 7 वर्षीय पुत्र हर्ष कुमार की मौत हो गयी थी और आधा दर्जन लोग बीमार हो गये थे.
पंचवीर पंचायत के महादलित टोले में भी डायरिया फैलने से एक किशोरी की जान चली गयी और एक दर्जन से अधिक लोग आक्रांत हो गये. पंचवीर के महादलित टोले में डायरिया की स्थिति अचानक गुरुवार को तब गंभीर हो गई जब दर्जनों लोग एक साथ बीमार पड़ने लगे.मुखिया ललिता कुमारी ने खुद सभी पीडि़तों को पीएचसी में भरती करवाया.उन्होंने कहा कि पीएचसी में सुविधाओं का घोर अभाव रहने के कारण ही सभी को बेगूसराय रेफर किया गया.इस संबंध में पीएचसी प्रभारी डॉक्टर राकेश कुमार ने बताया कि मैंने स्वयं प्रभावित मोहल्ले में भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया और लोगों को साफ सफाई पर ध्यान देने और ताजा भोजन करने और बदबूदार मछली नहीं खाने का सुझाव दिया.प्रभारी ने बताया कि जहां डायरिया की शिकायत आयी उस मोहल्ले में जागरूकता का काफी अभाव है.दो सौ की आबादी में मात्र एक चापाकल है जहां जलजमाव है.पक्के मकान रहने के बाबजूद भी शौचालय नहीं है जिस कारण से लोग यत्र-तत्र शौच करते हैं .वहां प्रशासन के द्वारा पूरी सफाई की व्यवस्था करने,घर-घर में शौचालय निर्माण की जरूरत है.
बेगूसराय(नगर) : जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जिस तरह से डायरिया अपना पांव पसारने लगा है. उससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है. इसके लिए विशेष सावधानी और जागरूकता की जरूरत है. सबसे अधिक सतर्कता बाढ़ग्रस्त इलाके में बरतने की जरूरत है. पानी कमने के बाद गंदगी व बदबूदार पानी से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. नतीजा है कि कई इलाके में लोगों की तबियत बिगड़ने लगी है. जिले के साहेबपुरकमाल,बरौनी प्रखंड में डायरिया जिस तरह से दस्तक दी है. उससे न सिर्फ आम लोगों की नींद हराम हुई है वरन स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन का भी सिरदर्द बढ़ गया है.
अगर समय रहते शासन और प्रशासन के द्वारा इस पर गंभीर पहल नहीं की गयी तो आने वाले समय में डायरिया के भयंकर प्रकोप से लोगों को जूझना पड़ सकता है.
प्रचार-प्रसार की है जरूरत:अमूमन ऐसा देखा जाता है कि बाढ़ग्रस्त इलाके से पानी निकलने के बाद लोग मछली निकालने का काम शुरू कर देते हैं. उन्हें यह नहीं पता होता है कि यह मछली उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है. विशेष जागरूकता अभियान के तहत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए आम लोगों के बीच प्रचार -प्रसार करने की जरूरत है. ताकि लोग ऐसे चीजों से परहेज कर सकें. अभी तक जिन प्रखंडों में डायरिया के दस्तक देने की सूचना मिली है और जिन-जिन लोगों की मौत इससे हुई है. इसका प्रथम दृष्टया कारण बाढ़ के पानी से निकाले गये मछली का सेवन बताया जा रहा है. हालांकि यह तो जांच का विषय है. लेकिन इसके लिए लोगों में जागरू कता जरूरी है.
युद्ध स्तर पर डीडीटी छिड़काव व साफ-सफाई की जरूरत:बाढ़ग्रस्त इलाके के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी डायरिया जैसी खतरनाक बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इसके साथ ही इन क्षेत्रों में डीडीटी छिड़काव की जरूरत है. प्रशासन के साथ-साथ इसके लिए स्वयं भी लोगों को जागरूक होना पड़ेगा. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि डायरिया जैसी बिमारी पर रोकथाम के लिए सदर अस्पताल से लेकर विभिन्न पीएचसी में व्यवस्था को दुरुस्त किया गया है.
मेडिकल टीम अलर्ट
डायरिया के प्रकोप को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में मेडिकलटीम को अलर्ट कर दिया गया है. इसके अलावा बाढ़ग्रस्त इलाके में छिड़काव की व्यवस्था की गयी है. लोगों से अपील भी की गयी है कि बाढ़ के पानी से निकाले गये मछली का सेवन नहीं करें.
डॉ हरिनारायण सिंह ,सिविल सर्जन

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