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रोक के बाद भी जान जोखिम में डाल कर गंगा नदी पार करते रहे लोग, नौका दुर्घटना के बाद प्रशासन ने जलमार्ग के आवागमन पर लगायी रोक

रोक के बाद भी जान जोखिम में डाल कर गंगा नदी पार करते रहे लोग, नौका दुर्घटना के बाद प्रशासन ने जलमार्ग के आवागमन पर लगायी रोकतसवीर-10,11-नाव से गंगा नदी पार करते लोगतसवीर-12,13- जान जोखिम में डाल कर रेल पटरी पर आवागमन करते लोगतसवीर-14,- बंद पड़ा राजेंद्र पुलप्रशासन को करनी पड़ी मशक्कत,नौका दुर्घटना के बाद […]

रोक के बाद भी जान जोखिम में डाल कर गंगा नदी पार करते रहे लोग, नौका दुर्घटना के बाद प्रशासन ने जलमार्ग के आवागमन पर लगायी रोकतसवीर-10,11-नाव से गंगा नदी पार करते लोगतसवीर-12,13- जान जोखिम में डाल कर रेल पटरी पर आवागमन करते लोगतसवीर-14,- बंद पड़ा राजेंद्र पुलप्रशासन को करनी पड़ी मशक्कत,नौका दुर्घटना के बाद मचा कोहराम विपिन कुमार मिश्रबेगूसराय . 17 जनवरी को राजेंद्र पुल की मरम्मत को लेकर संपूर्ण रूप से पुल पर आवागमन रोक संबंधी सूचना पूर्व में ही प्रकाशित कर दी गयी थी. इसके बाद भी लोग सतर्क नहीं हो पाये और जान जोखिम में डाल कर गंगा नदी को पार करते रहे. इसी का नतीजा हुआ कि रविवार को सिमरिया गंगा घाट में नदी पर करने के दौरान गहरे पानी में नाव डूब गयी और लोग किसी तरह बाल-बाल बच गये. एक बड़ा हादसा टल गया अन्यथा 17 जनवरी का दिन बेगूसराय जिले के लिए काला दिन साबित होता. राजेंद्र पुल पर आवागमन बंद रखने को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा पूरी तत्परता व मुस्तैदी बरती गयी थी. इसके बाद भी लोग मानने के लिए तैयार नहीं हुए. बताया जाता है कि जैसे ही राजेंद्र पुल पर आवागमन बंद की सूचना लोगों को मिली कि कुछ लोग जल मार्ग से नाव के सहारे सिमरिया से हथिदह और हथिदह से सिमरिया गंगा पार कराना शुरू कर दिया गया. प्रशासन के द्वारा भी सुबह में इस बात को गंभीरता से नहीं लिया गया. जब हादसा हुआ, तो प्रशासन की आंख खुली. गंगा नदी में नाव के परिचालन को लेकर लोगों की भीड़ नाव पर सवार होने लगी. इसी क्रम में कुछ लोगों के द्वारा जल्दी आवागमन करने की होड़ में नाव पर सवार होकर चल दिये. नतीजा हुआ कि नाव जैसे ही कुछ दूरी पर गयी कि वह गहरे पानी में पलट गयी. जैसे ही नाव गंगा नदी में पलटी कि उस पर सवार लोगों में जहां कोहराम मच गया, वहीं गंगा किनारे लोगों ने इस दृश्य को देखा तो लोगों के बीच भी अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया. भगवान की कृपा हुई जो इस नाव दुर्घटना में लोग बाल-बाल बच गये. इस हादसे के बाद प्रशासनिक पदाधिकारी आनन-फानन में गंगा नदी के घाट पर पहुंच कर पुल पर आवागमन बंदी को लेकर अवैध रूप से चलायी जा रही नौका पर रोक लगा दी गयी. प्रशासनिक पदाधिकारियों व सुरक्षा के जवानों के द्वारा सघन रूप से निगरानी भी शुरू कर दी गयी कि जलमार्ग से किसी भी कीमत में नावों का परिचालन न होने पाये. इसके बाद भी लोग राजेंद्र सेतु की रेल लाइन से होकर इस पार से उस पर जान जोखिम में डाल कर करते रहे. पूरे दिन प्रशासन व पुलिस के लिए भी सिरदर्द बना रहा. शाम होने के बाद तैनात पदाधिकारियों व पुलिस के जवानों ने राहत की सांस ली. ज्ञात हो कि राजेंद्र सेतु महत्वपूर्ण आवागमन का न सिर्फ साधन है वरन उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ने के लिए आवागमन का एक महत्वपूर्ण साधन भी है. गत कई वर्षों से पुल की जर्जरता को लेकर राजेंद्र सेतु पर बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगी हुई है. राजेंद्र सेतु से होकर सिर्फ छोटी गाड़ियां ही गुजरती हैं. संपूर्ण रूप से राजेंद्र सेतु पर आवागमन ठप होने से लोगों की परेशानी तो स्वाभाविक है लेकिन प्रशासन के द्वारा रोक के बाद लोगों को जान जोखिम में डाल कर यात्रा करने से परहेज करना चाहिए.

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