केला उत्पादक किसानों में भारी निराशातस्वीर-केले की फसल को दिखाते किसान तस्वीर-21खोदाबंदपुर. प्रखंड क्षेत्र में लगी केले की फसल में अचानक लगे रोग ने केले उत्पादक किसानों को निराश कर दिया है. हताश किसान कृषि विज्ञान केंद्र, खोदाबंदपुर की और दौड़ने लगे हैं. पौधा नुकसान होने से किसानों को काफी क्षति पहुंची है. केला उत्पादक किसान हतोत्साह दिख रहे हैं. कृषि वैज्ञानिक डॉ राम निवास सिंह ने रोगयुक्त केले की फसल की जांच की. जांच उपरांत वैज्ञानिक ने कहा कि केले में वाइरल रोग का प्रकोप है. केले की नर्सरी से ही यह रोग आया है. उन्होंने कहा कि इसका समुचित इलाज संभव नहीं है. जो पौधा बचा हुआ है, उसे बचाया जा सकता है. इसके लिए केले के पौधे के ऊपर एसिटामिप्रिट दवा की घोल बना कर छिड़काव कर एवं जमीन में फास्फोजिप्सन दवा डालने से पौधों को बचाया जा सकता है. साथ ही केले के पौधे में ज्यादा-से-ज्यादा पानी फेराडोल दवा मिला कर डालने से केले के बचे हुए पौधे संक्रमित होने से बच सकते हैं. विदित हो कि बाड़ा पंचायत के मुखिया टिंकू राय आठ माह पूर्व अपने तीन एकड़ खेत में सकरचिनिया केला नर्सरी से ला कर लगाये था, जो रोगयुक्त होकर बरबादी के कगार पर है. उन्होंने बताया कि केले की फसल लगाने में उन्होंने तरकीबन दो लाख रुपये खर्च किये थे.
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केले की फसल में लगा वाइरल रोग
केला उत्पादक किसानों में भारी निराशातस्वीर-केले की फसल को दिखाते किसान तस्वीर-21खोदाबंदपुर. प्रखंड क्षेत्र में लगी केले की फसल में अचानक लगे रोग ने केले उत्पादक किसानों को निराश कर दिया है. हताश किसान कृषि विज्ञान केंद्र, खोदाबंदपुर की और दौड़ने लगे हैं. पौधा नुकसान होने से किसानों को काफी क्षति पहुंची है. केला उत्पादक […]
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