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यह है उप स्वास्थ्य केंद्र चुरामनचक

बेगूसराय/भगवानपुर : बिहार सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने का दावा कर रही हो लेकिन आज भी वास्तविक रू प से जिले में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. संसाधनों का अभाव, चिकित्सकों व पारा मेडिकल स्टाफों की कमी के चलते कई उप […]

बेगूसराय/भगवानपुर : बिहार सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने का दावा कर रही हो लेकिन आज भी वास्तविक रू प से जिले में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

संसाधनों का अभाव, चिकित्सकों व पारा मेडिकल स्टाफों की कमी के चलते कई उप स्वास्थ्य केंद्र आज भी हाथी का दांत बना हुआ है. स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए सरकार और विभाग को अब भी कड़ी कसरत करनी पड़ेगी, तभी समाज के निचले पायदान पर रहनेवाले लोगों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिल पायेगा.

जले के भगवानपुर प्रखंड के लखनपुर पंचायत में अवस्थित 30 वर्ष पूर्व बना उपस्वास्थ्य केंद्र, चुरामनचक के नाम पर बना भवन प्रशासनिक उदासीनता का दंश ङोलने को जहां मजबूर है. वहीं आम जनता की उपेक्षा का पोल खोल रहा है. उपस्वास्थ्य केंद्र के नाम पर भवन निर्माण कराने के बाद भी अभी तक स्वास्थ्य विभाग को संवेदक के द्वारा हैंडओवर नहीं किये जाने के कारण यह उप स्वास्थ्य केंद्र का रू प नहीं ले सका है.

साथ ही स्थानीय लोगों के द्वारा इस भवन को अतिक्रमण का शिकार बना दिया गया है. सबसे ताज्जुब की बात यह है कि इस भवन में पशुओं का रैन बसेरा बना दिया गया है. भवन के इर्द-गिर्द रखा हुआ जलावन का बोझा इसकी शोभा को बढ़ा रहा है. इतना ही नहीं विभागीय एवं प्रशासनिक उदासीनता का बली चढ़ा उक्त भवन जजर्र अवस्था में है. जिसे पुन: जीर्णोद्धार की आवश्यकता है.

20 हजार की आबादी कुप्रभावित

अगर इस स्वास्थ्य केंद्र को चालू कर दिया जाता है तो दर्जनों गांवों के लगभग 20 हजार की आबादी कुप्रभावित हो रही है. लखनपुर पंचायत के चुरामनचक, पालीडीह, खानजाहपुर, पाली, सतराजोपुर, अतरू आ, समस्तीपुर, लखनपुर गांव के लोगों सहित दामोदरपुर पंचायत के बसही, दामोदरपुर के लोगों को भी इसका लाभ मिल पायेगा. बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के चलते इस क्षेत्र के मरीजों को तेघड़ा,भगवानपुर के मरीजों को मजबूरन ले जाना पड़ता है.

इस ओर क्षेत्रीय लोगों के द्वारा लगातार शासन और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन अभी तक इस दिशा में साकारात्मक पहल नहीं होने से लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है.

क्या कहते हैं लोग

यह बुनियादी समस्या है. भवन बनने के बाद भी उप स्वास्थ्य केंद्र का रू प नहीं ले पाया है. जो प्रशासनिक उदासीनता का पोल खोलता है. भवन निर्माण करनेवाले संवेदक पर मामला दर्ज होना चाहिए. इस समस्या के निराकरण के लिए शासन और प्रशासन को अविलंब पहल करनी चाहिए ताकि क्षेत्रीय लोगों को स्वास्थ्य सेवा के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़े.

निर्माण यादव, ग्रामीण,चुरामनचक

स्वास्थ्य सेवा में लापरवाही यह तो दुर्भाग्यपूर्ण है. इस मामले को डीएम को अविलंब संज्ञान में लेकर कार्रवाई करनी चाहिए. जिला प्रशासन को इसमें दोषी लोगों पर भी कार्रवाई करना चाहिए. ताकि लोगों की निराशा दूर हो सके.

ललन यादव, ग्रामीण चुरामनचक

उप स्वास्थ्य केंद्र के नाम पर भवन बनने में सरकारी राशि खर्च हुई. अब तक स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया. 30 वर्ष बाद भी इस दिशा में पहल नहीं होना शासन और प्रशासन की उदासीनता को दरसाता है.

सिकंदर महतो, ग्रामीण, पाली

क्या कहते हैं चिकित्सा पदाधिकारी

स्वास्थ्य विभाग को भवन निर्माण के बाद उक्त भवन को सौंपा ही नहीं जा सकता है ताकि उसमें कार्य हो सके. भवन बनने के बाद लोगों के द्वारा अतिक्रमित कर लिया. ऐसे में इस केंद्र में पदस्थापित दो एएनएम गांव के नीरज वर्मा के दरवाजे पर ही स्वास्थ्य सेवा का कार्य करती है. इस संबंध में सिविल सजर्न को जानकारी दी जा चुकी है.

डॉ दिलीप कुमार

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

भगवानपुर,बेगूसराय

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