मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा औरंगाबद के एक कार्यक्रम में नियोजित शिक्षकों को अपमानित करनेवाले बयान के खिलाफ जिले के शिक्षकों ने समाहरणालय चौक पर सीएम का पुतला दहन किया. इस मौके पर शिक्षकों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षकों के संबंध में राज्य के मुखिया के द्वारा इस तरह की टिप्पणी […]
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा औरंगाबद के एक कार्यक्रम में नियोजित शिक्षकों को अपमानित करनेवाले बयान के खिलाफ जिले के शिक्षकों ने समाहरणालय चौक पर सीएम का पुतला दहन किया. इस मौके पर शिक्षकों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षकों के संबंध में राज्य के मुखिया के द्वारा इस तरह की टिप्पणी करना अत्यंत ही शर्मनाक और खेदजनक है.
जिले के शिक्षक इसे किसी भी कीमत में बरदाश्त नहीं करेंगे. इस मौके पर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ छात्र कल्याण कोष के संयोजक डॉ सुरेश प्रसाद राय ने कहा क राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा अपमानित करनेवाले बयान से सारा शिक्षक समाज मर्माहत हुआ है. समान काम के समान वेतन नियोजित शिक्षकों का हक है. इसे शिक्षक संघर्ष के बल पर हासिल करेंगे.
इस मौके पर उन्होंने शिक्षकों को संगठित होने की नसीहत देते हुए आंदोलन को तेज करने की अपील की. वहीं ज्ञान भारती स्कूल के शिक्षक रणधीर कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना कि शिक्षक नियोजन से पूर्व महाराष्ट्र में पिटाई खाते थे. ये लोग सिर्फ वेतन के लिए आंदोलन करते हैं. पढ़ाई कुछ करते ही नहीं हैं. यह मुख्यमंत्री के लिए अशोभनीय है. इस मौके पर शिक्षक अरुण हरि ने कहा कि शिक्षक समाज के निर्माता होते हैं. यह बयान शिक्षकों के लिए अपमान है. इससे पूर्व दर्जनों शिक्षकों ने ओमर बालिका उच्च विद्यालय, विष्णुपुर से जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए समाहरणालय चौक पर पहुंच कर सीएम के पुतले को आग के हवाले कर दिया. इस मौके पर शिक्षक विश्वजीत, मौ सैदुल, अरविंद पासवान, विकास, रामचंद्र, दिलीप पासवान समेत अन्य शिक्षक मौजूद थे.