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आठ ओपी को शीघ्र मिलेगा थाने का दर्जा
बेगूसराय : जिले के आठ सहायक थानों को जल्द ही पूर्णत: थाने का दर्जा मिलने वाला है. जिसके लिए बेगूसराय पुलिस अधीक्षक रंजीत कुमार मिश्रा ने पुलिस महानिदेशक को इन आठ सहायक थाने को पूर्णत: थाना का दर्जा देने के लिए अर्जी भेज दी है. कई वर्षों से उपेक्षित सहायकों थानों की हालात को देखते […]
बेगूसराय : जिले के आठ सहायक थानों को जल्द ही पूर्णत: थाने का दर्जा मिलने वाला है. जिसके लिए बेगूसराय पुलिस अधीक्षक रंजीत कुमार मिश्रा ने पुलिस महानिदेशक को इन आठ सहायक थाने को पूर्णत: थाना का दर्जा देने के लिए अर्जी भेज दी है. कई वर्षों से उपेक्षित सहायकों थानों की हालात को देखते हुए यह निर्णय लिया.
ओपी में नहीं होता है मामला दर्ज:
सहायक थाना को इसलिए बनाया जाता है कि मुख्य थाना को सहायक थाना की वजह सहायता मिलती रहे. इसी उद्देश्य से ओपी की स्थापना की गयी थी.लेकिन कई तरह की परेशानियां को देखते हुए जिले के कुछ सहायक थाना को पूर्णत: थाना का दर्जा देने के लिए सोचा गया.
पुलिस अधीक्षक रंजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि सहायक थाने में किसी भी एफआइआर को दर्ज नहीं किया जाता है. सहायक थाना मुख्य थाना का एक हिस्सा होता है. सहायक थाना में आवेदन आने के बाद उस आवेदन को मुख्य थाना को फॉरवर्ड कर दिया जाता है. जिसके बाद संबंधित थानों में सहायक थाने की एफआइआर दर्ज की जाती है. इन सभी प्रोसेस को पूरा करने तकरीबन दो से चार दिन का समय लग जाता है. अपने क्षेत्र में शांति -व्यवस्था को कायम रखने के उद्देश्य से सहायक थाने का निर्माण किया गया था.
2011 में स्थापित किया गया छौड़ाही ओपी : छौड़ाही सहायक थाना खोदावंदपुर थाना के अंतर्गत आता है. छौड़ाही ओपी की स्थापना 23 जून 2011 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक क्षत्रनील सिंह के कार्यकाल में किया गया था.
ओपी की स्थापना के वक्त दो अवर निरीक्षक,दो सहायक अवर निरीक्षक, एक हवलदार, छह सिपाही एवं दो से आठ शस्त्र बल के साथ छौड़ाही ओपी की शुरुआत की गयी थी. छौड़ाही ओपी के स्थापित करने का मुख्य मकसद था कि खोदावंदपुर थाने को सहायता मिल सके. खोदावंदपुर थाना को काम करने में और क्षेत्र के लोगों को पुलिस द्वारा सहायता मिल सके. छौड़ाही ओपी को पूर्णत: थाना का दर्जा मिल जाने के बाद पीड़ितों को एफआइआर दर्ज कराना काफी आसान हो जायेगा.साथ ही पीडि़त को जल्द ही एफआइआर नंबर भी उपलब्ध करा दिया जायेगा.
2010 में हुई थी लाखो ओपी की स्थापना : मुफस्सिल थाना अंतर्गत आने वाले लाखों ओपी की स्थापना सन 2010 ई में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक क्षत्रनील सिंह के कार्यकाल में किया गया था.सुविधा एवं संसाधनों के नाम पर मात्र एक जीप ही पुलिस के पास मौजूद है. इसी एक जीप से लाखो ओपी की पुलिस के द्वारा क्षेत्र में भ्रमण ,फरार आरोपितों की गिरफ्तारी एवं छापेमारी की जाती है.लाखो ओपी को पूर्णत: थाने का दर्जा मिलने के बाद संसाधनों की कोई कमी नहीं रहेगी.
इन सहायक थानों को मिलने वाला है पूर्णत: थानों का दर्जा
लाखो, छौड़ाही, चकिया, रिफाइनरी,एफसीआइ, जीरोमाइल, परिहारा,
मंझौल
1964 से लेकर 1972 तक चार ओपी की स्थापना की गयी : चकिया,रिफाइनरी,एफसीआइ एवं जीरोमाइल ओपी बरौनी थाना के अंतर्गत पड़ता है.बरौनी क्षेत्र बड़ा होने के कारण क्षेत्र में कई सहायक थाने का निर्माण कराया गया था. समय अनुसार बढ़ती जनसंख्या को लेकर चकिया ओपी को 2014, रिफाइनरी ओपी को 1964,एफसीआइ ओपी को 1975 एवं जीरोमाइल ओपी की स्थापना 1972 में गयी थी. फिलहाल ये सभी ओपी बरौनी थाना के अंतर्गत एफआइआर का काम होता है. लेकिन अब पूर्णत: थाना का दर्जा मिलने के बाद क्षेत्र के ग्रामीणों को थाना के द्वारा जल्द ही सुविधा मुहैया करायी जायेगी.
सुरक्षा व्यवस्था का रखा जायेगा खास ख्याल
पुलिस अधीक्षक रंजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि आठ सहायक थाने को पूर्णत: थाना का दर्जा प्राप्त होने वाला है.थाना का दर्जा प्राप्त होते ही जरुरी सामान,सुविधाएं सहित पदाधिकारी सहित सशस्त्र बल को भी जरुरत के हिसाब से थाने पर तैनात किया जायेगा.
क्या कहते हैं एसपी
विधानसभा के माॅनसून सत्र के बाद आठ ओपी को पूणत: थाना का दर्जा मिलने की उम्मीद है. थाना का दर्जा प्राप्त होने से क्षेत्र के लोगों को एफआइआर दर्ज करने में सुविधा प्राप्त होगा.
रंजीत कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक,बेगूसराय
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