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बढ़ी लागत, उत्पादन शून्य
बेगूसराय/बीहट : बरौनी बिजली घर सफेद हाथी बनता जा रहा है. विगत छह साल में लागत में दो गुना से अधिक बढ़ोत्तरी के बाद भी बरौनी बिजलीघर के आधुनिकीकरण व नवीनीकरण का काम पूरा नहीं हुआ है. वहीं काफी जद्दोजहद के बाद 110 मेगावाट क्षमतावाली सातवीं यूनिट से व्यवसायिक उत्पादन शुरू तो हुआ लेकिन कभी […]
बेगूसराय/बीहट : बरौनी बिजली घर सफेद हाथी बनता जा रहा है. विगत छह साल में लागत में दो गुना से अधिक बढ़ोत्तरी के बाद भी बरौनी बिजलीघर के आधुनिकीकरण व नवीनीकरण का काम पूरा नहीं हुआ है. वहीं काफी जद्दोजहद के बाद 110 मेगावाट क्षमतावाली सातवीं यूनिट से व्यवसायिक उत्पादन शुरू तो हुआ लेकिन कभी मशीनों की यांत्रिक गड़बड़ी उत्पादन पर ब्रेक लगाता दिखा तो कभी कोयला-तेल संकट के कारण उत्पादन ठप हुआ.
सूत्रों से मिली जानकारी पर विश्वास करें तो आर एंड एम के दौरान प्रदूषण विभाग के निर्देशों की अनदेखी सहित अन्य कारणों से विगत दो माह से बरौनी बिजलीघर की सातवीं इकाई बंद पड़ी है. वहीं भेल कंपनी बरौनी की छठी इकाई का रेनोवेशन कार्य पूरा करने में लगी है. इसी क्रम में एक सप्ताह पूर्व छठी इकाई के ब्यॉलर को टेस्टिंग के लिए लाइट अप भी किया गया था. विदित हो कि बरौनी बिजलीघर की दोनों छठी व सातवीं इकाई का आरएंडएम भेल कंपनी द्वारा वर्ष 2010 से सम विकास योजना के तहत करीब 600 करोड़ की राशि से किया जा रहा है.
आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा कर्मियों की छंटनी :नयी टेक्नोलॉजी के नाम पर प्रतिष्ठान के मेंटेनेंस वर्क के लिए विद्युत जेनरेशन कंपनी द्वारा संविदा के आधार पर नियुक्त एजेंसियों ने यूनिट के बंद हो जाने के कारण अपने कर्मियों की छंटनी करनी शुरू कर दी है. विदित हो कि ऑपरेशन के लिए स्टेग, इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल के लिए मेसर्स एसएन सिंह और सीएचपी के लिए पावर मैक कंपनी को संविदा के आधार पर नियुक्त किया गया था.नाम नहीं छापने की शर्त पर बरौनी के एक वरीय अधिकारी ने कहा कि बरौनी बिजली घर के पुनरोद्धार योजना की लागत दोगुनी-तीगुनी हो गयी परंतु उत्पादन के नाम पर अब भी उसके हाथ खाली हैं.
विस्तारीकरण प्रोजेक्ट भी लेटलतीफी की भेंट चढ़ा:बिहार सरकार की अपनी इकलौती बरौनी की 250-250मेगावाट की दो नयी यूनिट निर्माण का प्रोजेक्ट भी भेल की लेटलतीफी की भेंट चढ़ गया है. वहीं लागत मूल्य 1300 सौ करोड़ से बढ़ कर 5308 करोड़ हो गया और अब भी समय सीमा लगातार बढ़ रही है. यहां भी एक यूनिट तक को पूर्ण उत्पादन लायक नहीं बनाया जा सका है. हालांकि पिछले माह आठवीं इकाई के ब्यॉलर को टेस्टिंग के लिए लाइट अप किया गया था.
क्या कहते हैं बरौनी के जीएम :बरौनी बिजली घर से जल्द से जल्द उत्पादन के लिए हर संभव प्रयास कर रहे जीएम अरुण कुमार सिंहा ने कहा कि आठवीं यूनिट से बिजली उत्पादन होने में लगभग सभी बाधाओं को दूर कर लिया गया है. जल्द ही विद्युत उत्पादन शुरू हो जायेगा. उन्होंने कहा कि जब तक रेलवे लाइन व वैगन ट्रिपलर पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाता तब तक वैकल्पिक व्यवस्था कर पुराने प्लांट से कोयला की आपूर्ति की जायेगी. हर हाल में 15 अगस्त तक आठवीं यूनिट से विद्युत उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
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