19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हो जायें सावधान, पानी के दुरुपयोग पर अब लगेगा जुर्माना, जायेंगे जेल

कोई भी व्यक्ति, नागरिक अथवा सरकारी संस्थाएं, विभाग एवं अन्य पीने योग्य पानी को बर्बाद या बेवजह इस्तेमाल करेंगे तो उन्हें दंडात्मक अपराध माना जायेगा.

नालंदा : बेवजह पीने योग्य पानी बर्बाद करने वालों को सावधान होने का समय आ गया है. वैसे लोगों को अब आर्थिक जुर्माना और जेल यात्रा भी करनी पड़ सकती है. कोई भी व्यक्ति, नागरिक अथवा सरकारी संस्थाएं, विभाग एवं अन्य पीने योग्य पानी को बर्बाद या बेवजह इस्तेमाल करेंगे तो उन्हें दंडात्मक अपराध माना जायेगा.

वैसे लोगों के खिलाफ एक लाख रुपये तक जुर्माना और पांच साल तक जेल का प्रावधान तय किया गया है. पहले पानी की बर्बादी को लेकर कोई दंड का प्रावधान तय नहीं था. इस कारण गांव से शहर तक पीने योग्य पानी की बर्बादी भी धड़ल्ले से हो रहा है.

केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) ने पानी की बर्बादी और बेवजह इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए 08 अक्तूबर, 2020 को पर्यावरण (संरक्षण) कानून, 1986 की धारा पांच की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कड़ा आदेश पारित है.

इस आदेश के जारी होने की तारीख से संबंधित नागरिक निकाय, जल बोर्ड, जल निगम, पीएचइडी, नगर निगम, नगरपालिका, नगर पर्षद, नगर पंचायत, विकास प्राधिकरण, पंचायत या किसी भी अन्य नाम से पुकारा जाता है, वह यह सुनिश्चित करेंगे कि भू-जल से हासिल होने वाले पीने योग्य पानी की बर्बादी और उसका बेवजह इस्तेमाल न हो.

इस आदेश का पालन कराने के लिए सभी एक तंत्र विकसित करेंगे और आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेंगे. कोई भी व्यक्ति भू-जल स्रोत से हासिल पीने योग्य पानी का बेवजह इस्तेमाल या बर्बादी नहीं कर सकते हैं.

पानी की बर्बादी पर पहले नहीं था दंड का प्रावधान

पानी की बर्बादी को लेकर दंड का प्रावधान नहीं होने के कारण पेयजल संकट की समस्या होने के बावजूद गांव से शहर तक लोग पानी की बर्बादी बड़े पैमाने पर करते रहे हैं. नये कानून आने से पानी की बेवजह बर्बादी और दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ जुर्माना और जेल का प्रावधान तय किया गया है. सख्ती से कानून को लागू करने से निश्चित तौर पर इसके अच्छे परिणाम निकल सकते हैं.

नये कानून के लागू होने से पानी आधारित उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना

मिठे जल की बर्बादी को रोकने के लिए सरकार के इस नये कानून से पानी आधारित उद्योग (वाटर पार्क) पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. वाटर पार्क में इस्तेमाल किया जाने वाला पानी पीने योग्य होता है. उस उद्योग में एक नहीं अनेक बोरिंग होते हैं, जिससे भूगर्भीय जल बड़े पैमाने पर निकाले जाते हैं.

Posted by Ashish Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें