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अन्य शहरों से पहुंच रहे पीड़ित
जिले के वैसे लोग जो दूसरे शहरों में रहते हैं व बीमार होने की स्थिति में घर लौट रहे हैं. इनमें से अधिकांश डेंगू के मरीज निकल रहे हैं. जिले में ऐसे करीब एक दर्जन मरीज मिल चुके हैं, जो डेंगू से पीड़ित हैं व जांच रिपोर्ट में उनके रक्त में मात्र 36 हजार प्लेटलेट्स […]
जिले के वैसे लोग जो दूसरे शहरों में रहते हैं व बीमार होने की स्थिति में घर लौट रहे हैं. इनमें से अधिकांश डेंगू के मरीज निकल रहे हैं. जिले में ऐसे करीब एक दर्जन मरीज मिल चुके हैं, जो डेंगू से पीड़ित हैं व जांच रिपोर्ट में उनके रक्त में मात्र 36 हजार प्लेटलेट्स पाये गये हैं.
बांका : जिले में लगातार डेंगू मरीज के मिलने से सनसनी फैल गयी है. जानकारी के अनुसार शहर के विजयनगर मुहल्ला निवासी कुंदन झा जो दिल्ली में प्राईवेंट नौकरी करता है. वो अपनी पत्नी पूजा झा को भी अपने साथ कुछ माह पूर्व दिल्ली ले गया था. जहां पर पिछले कुछ दिनों से पूजा झा बीमार रहने लगी. इसके बाद उक्त व्यक्ति ने दुर्गा पूजा में पत्नी को दिल्ली से विजयनगर अपना घर ले आया. जहां स्थिति में कोई सुधार नही होता देख वो अपनी पत्नी को सदर अस्पताल ले गया. जहां मौजूद चिकित्सक प्रणय घोष, सुनील कुमार चौधरी,शलेंद्र कुमार ने जब मरीज का सिमटम देखा तो डेंगू का जांच सदर अस्पताल के पैथोलॉजी में नंदलाल पंडित के द्वारा किया गया. पैथोलॉजी जांच में मरीज के शरीर में एनएस 1 एवं आई जी एम पॉजिटिब पाया गया. साथ ही प्लेटलेट मात्र 36 हजार पाया गया. जबकि एक स्वस्थ्य शरीर में कम से कम ढेड़ लाख प्लेटलेट पाया जाता है.
सदर अस्पताल में प्लेटलेट उपलब्ध नहीं रहने की वजह से उक्त मरीज को बेहतर इलाज हेतु उसे भागलपुर रेफर कर दिया गया. वहीं कुंदन झा ने भी जांच कराया जिन्हें पीलिया बीमारी पाया गया. वर्तमान वर्ष की बात करें तो करीब एक दर्जन से अधिक डेंगू के मरीज जिले में मिल चुके हैं. जिनमें कुछ मरीज जिले के स्थानीय इलाकों के हैं. जबकि अधिकांश मरीज बाहर में काम करने वाले में से हैं. ज्यदातर मरीज दिल्ली, कोलकाता, नासिक आदि जगह पर नौकरी करने वाले हैं. वहां लंबे समय से बीमार रहने के बाद वो अपना घर आते हैं. जहां जांच के दौरान उन्हें डेंगू का पता चलता है.
आम बुखार से डेंगू के लक्षण अलग
डेंगू बुखार के लक्षण आम बुखार से थोड़ी अलग होती है. बुखार बहुत तेज होता है. साथ में कमजोरी हो जाता है. चक्कर आता है, चक्कर आने से लोग बेहोश हो जाते है. ऐसे में मुंह का स्वाद बदलता जाता है और उल्टी भी आती है. सर दर्द, पीठ में दर्द, बदन दर्द भी होता है. कई लोग को त्वचा पर रेसेज भी हो जाता है. अक्सर बुखार होने पर घर पर क्रोसिन जैसी बीमारी से खुद ही अपना इलाज करते है. लेखिन डेंगू बुखार के लक्षण देखने पर थोड़ी देर भी भारी पड़ सकती है.
लक्षण दिखने पर तुरंत ही चिकित्सक से सलाह लें और प्लेटलेट काउंट जांच करावें. डेंगू बुखार पाये जाने के बाद भी कई लोग घर में रह रही अपनी प्लेटलेट काउंट, ब्लड प्रेशर का इलाज कराना पसंद करते हैं. चिकित्सक के अनुसार घर में इलाज करते हुए कुछ खास चीजों का ध्यान रखना चाहिए. अगर पानी पीने या कुछ खाने में दिक्कत हो, उल्टी आये तो डीहाइडेशन का खतरा हो जाता है. ये लिवर एन्जइम्स गड़बड़ का सूचक होता है. प्लेटलेट कम होने पर ब्लडप्रेशर का कम होना या हीमाटाइट यानी खुन का धनापन बढ़ने को भी खतरे की घंटी मानना चाहिए. साथ ही अगर खुन आना आरंभ हो जाय तो अस्पताल ले जाना अनिवार्य हो जाता है. इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार आना, खुन की उल्टी करना,वदन दर्द,नाक से खुन गिरना आदि शामिल है.
सावधानी से ही संभव है बचाव
बदलता मौसम, बारिश की बूंदों की आहटें के साथ डेंगू आता है. मानसून के बाद जब मौसम दुवारा करबटे लेता है तो ठंडी हवाएं मिठा चुभन लेकर आता है. बदलते मौसम की इन खुशनुमा घंड़ियों में ही छुपी है कई बीमारियां. बदलते मौसम में पनपता है एडीज मच्छर जो अपने साथ फैलाता है डेंगू बुखार. यह बुखार इतना खतरनाक होताहै कि मरीजों की जान ले लें. गौरतलब है कि यह बुखार बारिश के मौसम में और बदलते मौसम में फैलता है.
इस बीमारी के जड़ है एडीज मच्छर. इसी मच्छर के काटने से डेंगू बुखार होता है. एडीज मच्छर जमे हुए पानी जैसे कुलर में जमा पानी, नालों में सड़ा पानी, सड़क पर जमा पानी आदि में पैदा होता है और बढ़ता है. इस लिए कुलर सहित अन्य स्थानों पर पानी नहीं जमने दें. मसहरी लगाकर सोना,आस पास सफाई रखना,आस पास पानी नहीं जमने देना, आस पास के सभी गड्ढे को बंद रखना, बरतन को उल्टा करके रखना, मच्छर से बचाव,खिड़की में जाली लगवाये.
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