बौंसी : बौंसी-बाराहाट सीमा क्षेत्र स्थित पोरांय गांव में बुधवार को सरस्वती प्रतिमा विसजर्न में एक समुदाय द्वारा रोड़ेबाजी के मामले में 54 लोगों को नामजद एवं अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
घायल लोगों के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी. जानकारी हो कि 20 वर्षो से स्थापित प्रतिमा को पूरे गांव में घुमा कर लीलाथान पोखर में विसजर्न किया जाता था. बुधवार की रात्रि गांव में प्रतिमा को घुमा कर विसजर्न के लिए लाया जा रहा था. एक समुदाय के द्वारा रास्ते में गांव, घर के करीब स्थित मसजिद के पास प्रतिमा के पहुंचते ही कुछ लोगों द्वारा डीजे बंद करवा दिया गया. करीब आधे घंटे बाद डीजे शुरू होने के बाद दोनों पक्ष के बीच नोक-झोंक शुरू हो गयी.
इसके बाद रोड़ेबाजी होने लगी. इस क्रम में आधे दर्जन लोग घायल हो गये और मूर्ति भी टूट गयी. प्रशासनिक अधिकारियों के पहुंचने के बाद मामले को शांत करा कर प्रतिमा विसजर्न करायी गयी. जिलाधिकारी साकेत कुमार, एसपी पुष्कर आनंद, प्रमुख कल्पना भारती ने देर रात अस्पताल पहुंच कर घायल पंसस का हाल चाल पूछा.
पंसस का प्राथमिक इलाज रेफरल अस्पताल में करने के बाद भागलपुर रेफर कर दिया गया. रात्रि से पोरांय गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस बलों की तैनाती कर दी गयी. एक दर्जन पुलिस बल, एक दर्जन लाठी धारी के अलावे बंधुवा कुरावा थानाध्यक्ष एके आजाद, एसआइ सुंदर कामत सहित एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी.
स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. बुधवार सुबह सीओ महेंद्र कुमार एवं थानाध्यक्ष बौंसी सुरेंद्र कुमार ने पोरांय पहुंच कर दोनों ही समुदाय से बातचीत की. जिस पर गांव के लोगों ने आश्वासन दिया कि आपस के पंचायती में इस मामले को सुलझा कर थाने को सूचित कर दिया जायेगा. बभनगामा पंचायत के मुखिया अश्विनी कुमार पांडे ने बताया कि मुसलिम समुदाय के लोगों ने अपनी गलती स्वीकार की है. आगे से ऐसी गलती नहीं होने की बात कही है. दूसरे समुदाय के लोगों से आज बातचीत की जायेगी.