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आज धूली वंदन, कल मनेगी होली. बाजार में रही खरीदारों की भीड़

होलियाना हुआ जिले का माहौल अंग क्षेत्र की सांस्कृतिक परंपरा को होलीअनुप्राणित करती है. रंगों और उमंगों के त्योहार होली को लेकर क्षेत्र में उत्साह चरम पर है. बांका : यों तो अंग प्रदेश का जनजीवन एवं इसकी संस्कृति ही पर्व त्योहारों से अनुप्राणित है. लेकिन इन पर्व त्योहारों में भी इस प्रदेश के लिए […]

होलियाना हुआ जिले का माहौल

अंग क्षेत्र की सांस्कृतिक परंपरा को होलीअनुप्राणित करती है. रंगों और उमंगों के त्योहार होली को लेकर क्षेत्र में उत्साह चरम पर है.
बांका : यों तो अंग प्रदेश का जनजीवन एवं इसकी संस्कृति ही पर्व त्योहारों से अनुप्राणित है. लेकिन इन पर्व त्योहारों में भी इस प्रदेश के लिए होली का खास महत्व है. रंगों और उमंगों का त्योहार होली इस क्षेत्र में दो दिनों तक मनाया जाता है. मंदार मधुसूदन व ज्येष्ठगौरनाथ से जुड़े इस जिले के कन – कन में होली रचता बसता है.
वसंत पंचमी के दिन से ही इस रंगोत्सव की पौध बढ़ने लगती है. जो फागुन पूर्णिमा पर फगुआ अर्थात होली के रूप में अपने यौवन पर होता है. अंग क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में पलास और सेमल के फूलों की तरह रंगों और उमंगों से लबरेज होली का खास महत्व हैं. यह जश्न का त्योहार है. और अगले दो दिनों तक इस जश्न के आयोजन की इस क्षेत्र में जोरदार तैयारियां है. इस क्षेत्र में होली 22 एवं 23 मार्च को मनायी जा रही है.
22 मार्च को धुलंडी अथवा धुरखेल एवं 23 मार्च को रंगोत्सव का आयोजन होगा. जिले के कुछ क्षेत्रों में 24 मार्च को भी रंगोत्सव मनाया जायेगा. होलिका दहन के लिए हालांकि अलग-अलग मत के लोग अलग – अलग तिथियों की बात कर रहे हैं. लेकिन सुप्रसिद्ध श्यामाचरण वेद विद्यापीठ गुरुधाम के प्राचार्य डा. रतीश चंद्र झा ने स्पष्ट किया है कि शास्त्रीय व्यवस्था के अनुरूप होलिका दहन 23 मार्च की शाम सूर्यास्त के बाद एक घंटा 34 मिनट के अंदर कर लिया जाना चाहिए.
आ रहे हैं परदेसी: इस क्षेत्र में होली की विरासत यह भी रही है कि दूर देश में रहने वाले यहां के लोग भी होली के मौके पर अपनी मिट्टी की खुशबू लेते हुए यहां बरसने वाले रंगों में सराबोर होने आ जाते हैं. भले ही वे दशहारा व दीवाली बाहर मना लें होली पर यहां आना नहीं भूलते. बाजारों में भी भीड़ उमड़ रही है. खरीदारी करते एक दूसरे से मिलते जुलते अभिवादन करते लोग आह्लादित हो रहे हैं.
बढ़ गयी बाजार की रौनक: रंगोत्सव होली को लेकर बाजारों की रौनक काफी बढ़ गयी है. बाजार में रंग बिरंगी पिचकारी व रंग गुलाल की बिक्री जोरों पर है. पकवान सामग्री की भी खरीदारी जोर शोर से चल रही है. इस बार नियोन व हर्बल गुलाल को लेकर खास आकर्षण है. लोग कैमिकल रहित रंगों और गुलालों की मांग कर रहे हैं. करीब एक दर्जन रंगों में गुलाल उपलब्ध है. केशर, चंदन, चेरी, पिस्ता आदि गुलालों की मांग ज्यादा हैं.

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