एक सप्ताह में न्यूनतम पारा आठ डिग्री से नीचे पहुंचाफाइलों में बंद है कंबल, गरीबों की कैसे कटेगी पूस की रात फोटो : 5 बांका 22 : विद्यालय जाने के लिए बस का इंतजार करते छोटे छोटे बच्चे आपदा विभाग के ठंड लगने के मानक के अनुरूप मौसम हो गया है. हालांकि पूस की रात में भी गरीब एक कंबल के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से आयी कंबल और अलाव की राशि फाइलों में दब कर रह गयी है. अब तक शहर में मात्र तीन स्थानों पर तीन दिन ही अलाव जली है. जिला प्रशासन ने आपदा विभाग के बजट को विभिन्न अंचल में भेज दिया है. साथ ही सामाजिक सुरक्षा कोषांग के अधिकारियों ने भी डेढ़ लाख की राशि अनुमंडल पदाधिकारी को भेज दी है. उस पैसे से अनुमंडल पदाधिकारी खादी का कंबल खरीद कर सभी अंचलाधिकारी को भेजेंगे. सूत्रों के अनुसार एक अंचल में महज 50 से 60 कंबल ही पहुंचेंगे. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि गरीबों की पूस की रात कैसे कटेगी. प्रतिनिधि, बांकाजिलावासी ठंड व कनकनी से परेशान है. एक पखवारे में मौसम विभाग के रिकार्ड के अनुसार न्यूनतम तापमान पांच से आठ डिग्री तक रहा है. यह आपदा विभाग के मानक न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे तापमान के मानक पर भी फिट बैठ रहा है. इतना सब होने के बाद भी आपदा विभाग का अलाव जलाने का फंडा फाइल से निकल हकीकत में नजर नहीं आ रहा है. जिले के अंचलों में अलाव के लिए लकड़ी खरीद के लिए बजट भेजा गया है. इस बार जिले को मिले महज 50 हजार के बजट से अधिकतम तीन दिनों तक ही अलाव जला कर ठंड कम किया जा सका. स्थानीय लोग पूछ रहे कि अब अलाव कैसे जलेगा. रिक्शा चालक से लेकर अन्य जरूरत मंद खुद जुगाड़ कर अलाव जला रहे हैं. कंबल के लिए मिला है 1. 74 लाख सामाजिक सुरक्षा कोषांग के निदेशक कुमार सत्यकाम के अनुसार इस वर्ष पूरे जिले में कंबल वितरण के लिए 1.74 लाख रुपये आये हैं. इसको अनुमंडल पदाधिकारी के पास भेज दिया गया है. वहीं अनुमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि सुरक्षा कोषांग से आयी राशि से खादी भंडार से कंबल खरीद कर सभी अंचल सहित दोनों नगर पंचायत क्षेत्र में भेजा जायेगा. जल्द हो कंबल का वितरणस्थानीय लोगों का कहना है कि राज्य सरकार ने न जाने क्या सोच कर गरीबों के लिए इतनी कम राशि जिले में भेजी है. इससे तो महज 300 से 400 गरीबों को ही कंबल मिल पायेगा. इनका कहना है कि जिले में बीपीएल रेखा से नीचे रहने वाले हजारों परिवार हैं. ऐसे में जिला प्रशासन किस जरूरत मंद लोगों को कंबल देगा और किसको निराश करेगा, यह तो वितरण के बाद ही पता चलेगा. फिलहाल जिला प्रशासन जितना जल्द हो कंबल का वितरण कर दे, ताकि कुछ गरीबों का बदन ढंक जाय. पिछले तीन वर्ष से नहीं बढ़ा बजट : आपदा विभाग के पिछले तीन वर्ष से अलाव के लिए बजट नहीं बढ़ाया है. इस कारण इस बार भी बजट 50 हजार रुपये ही है. जबकि लकड़ी की कीमत तीन सालों में दो गुनी से अधिक हो गयी है. इस वर्ष शीतलहर में मिले बजट से अंचल (दो नगर पंचायत तथा ग्यारह अंचल) को चार हजार से भी कम राशि मिली है. शहर में तीन स्थानों पर ही जला अलाव शहर के तीन स्थानों गांधी चौक, डीएम कोठी चौक तथा सदर अस्पताल के पास अलाव की व्यवस्था की गयी थी. तीन दिनों में महज कुछ किलो लकड़ी जलने के बाद यह व्यवस्था भी बंद कर दी गयी है. अभी पूस खत्म होने में दस दिन बांकी हैं. ऐसे में गरीब कैसे अपनी रात काटेंगे. नहीं थम रहा है सुबह- शाम व रातों का ठिठुरना बांका. स्कूल जाने वाले छात्रों से लेकर मार्निंग वॉक पर निकलने वाले वृद्धों के लिए सर्दी परेशानी का सबब बनी हुई है. छह दिनों में तापमान आठ से लेकर 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है. इससे सुबह-शाम और रात में ठिठुरना जारी है. कभी कोहरे तो कभी चुभती सर्द हवा, रोजना सुबह निकलने वालों को घर में दुबकने को विवश कर रही है. मंगलवार का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री तथा अधिकतम तापमान 25 डिग्री है. जबकि सोमवार का तापमान क्रमश: 10 डिग्री व 25 डिग्री था. पांच किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चली. मौसम विभाग के अनुसार अभी तीन चार दिन तक ऐसे ही लोगों को सुबह-शाम और रात में ठंड सतायेगी, जबकि दिन में हल्की धूप के बावजूद कनकनी रहेगी. पिछले एक सप्ताह का तापमान तारीख : अधिकतम : न्यूनतम 05 जनवरी 16 : 25 : 8 04 जनवरी 16 : 25 : 1003 जनवरी 16 : 23 : 9 02 जनवरी 16 : 26 : 1301 जनवरी 16 : 26 : 1131 दिसंबर 15 : 26 : 1030 दिसंबर 15 : 25 : 9
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एक सप्ताह में न्यूनतम पारा आठ डग्रिी से नीचे पहुंचा
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