बांका: आजाद देश में भी बिहार के 378 गांव में दो लाख से अधिक निवास कर रहे पैरघा समुदाय के लोगों को आज भी जाति की सूची में शामिल होने के लिए हक की लड़ाई लड़नी पड़ रही है. जिस पर सरकार से बार-बार गुहार के बाद बात नहीं बनने पर नाराज पैरघा जाति के हजारों लोगों ने अपना आंदोलन गुरुवार को समाहरणालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन व अनशन के साथ आरंभ कर दिया. मुख्य संरक्षक मनोज बाबा के नेतृत्व में आरंभ की गयी. अधिकार की लड़ाई शुक्रवार को एक नये मोड़ पर जा पहुंची.
ृ 30 घंटे के आमरण अनशन के बाद विधायक बेलहर गिरधारी यादव ने सरकार से हुई वार्ता के बाद मनोज बाबा को जूस पिला कर अनशन को समाप्त करवाया. पैरघा समुदाय के मनोज बाबा ने अनशन स्थल पर मौजूद मीडियाकर्मियों को जानकारी दी की मुख्यमंत्री, जिले के प्रभारी मंत्री नीतीश मिश्र, सांसद पुतुल कुमारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव से हुई वार्ता और सहयोग के बाद वे अनशन समाप्त कर रहे हैं. मनोज बाबा ने कहा कि मोबाइल पर मुख्यमंत्री व प्रभारी मंत्री ने आश्वासन दिया कि जांच टीम ने उनके जिले सहित मुंगेर, जमुई जिले का दौरा कर सरकार को पैरघा जाति की मांगों की रिपोर्ट सौंप दी है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि दिसंबर तक उनका हक मिल जायेगा. फिलहाल वे अपना आंदोलन समाप्त करें. इससे पहले आयुक्त मिन्हाज आलम ने भी मनोज बाबा से बातचीत की.
शुक्रवार सुबह पैरघा जाति का पांच सदस्यीय दल ने जिलाधिकारी बी कार्तिकेय से उनके आवास पर मुलाकात कर अपनी बात रखी थी. जिलाधिकारी ने भी इनक ी मांग पत्र को प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन को सौंपा है. इसके बाद मनोज बाबा ने अपने समुदाय की ओर से सभी सहयोग करने वाले अधिकारी, जनप्रतिनिधि, राजनीतिक प्रतिनिधि तथा मीडिया का शुक्रिया अदा किया. साथ ही कहा कि वे फिर दोहराते हैं कि पैरघा को उनका हक दिलाने के लिए मरते दम तक पीछे नहीं हटेंगे.