जुलूस में उमड़ा जन सैलाब
शांतिपूर्वक मना मुहर्रम
बांका: त्याग, बलिदान, मातम और सच्चई का पर्व मुहर्रम शुक्रवार जुम्मा को जगह-जगह मना. इस मौके पर गांव और शहरों में ताजिया का पहलाम निकला. सड़क पर जुलूस दोपहर बाद से ही नजर आने लगा, जिसमें पुरुष, वृद्ध, नौजवान, बच्चे व महिलाएं शामिल हुए. युवाओं ने लाठी-डंडे और पारंपरिक हथियार के साथ करतब दिखाये. सभी लाठी और तलवार से लैस थे. पहलाम के रंगीन निशान अखाड़ा जुलूस में भारी संख्या में लोग शामिल हुए. ताजिया को बड़े ढंग से सजाया गया था. शहर के शिवाजी चौक, गांधी चौक, कटोरिया रोड, आजाद चौक, शास्त्री चौक, आंबेडकर चौक पर पहलाम को घुमाया गया. वहीं ताशा और नगाड़े के साथ मुहर्रम की खुशबू तैरती रही. बांका के मलिकटोला, मसुरिया, खड़ियारा, लक्ष्मीपुर,रैनियां, लस्करी, तैतरी गढ़िया, चंदन नगर नवटोलिया. पोखरिया में पुलिस प्रशासन के द्वारा शिविर लगाये गये थे. पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे. सैजपुर गांव में भी हिंदू समुदाय के लोग जगदीश मंडल के यहां धूमधाम से ताजिया का पहलाम निकाला गया, जिस पर लोगों की काफी भीड़ लगी रही.
धोरैया के कुर्मा करबला पर झारखंड के भी दर्जनों गांव के लोग पहुंचते है, जहां भारी संख्या में भीड़ रहती है. बौंसी प्रतिनिधि के अनुसार शहर में मुहर्रम का जुलूस शान से निकला. जानकारी के अनुसार डहुआ, बेना, गज्जर, वंशीपुर, बहगा, कैरी, सिकंदरपुर, महाराणा सहित अन्य गांव के लोग शामिल हुए. बेलहर प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र के बेलहर, धरती थान, रांगा, अमगडवा, पेकाहा, डुब्बा, बड़हरा सहित अन्य गांवों में मुहर्रम के मौके पर ताजिया जुलूस निकाला गया, जिसमें रांगा बाजार में धरती थान एवं लकड़खैवा के ताजिया का मिलन हुआ. इस मौके पर मुसलिम भाइयों ने लाठी और तलवार का जम कर करतब दिखाया, जिसमें हासिम सरदार, डॉ भोला अंसारी, शामिर, मो मुमताज, मो अख्तर, इजराइल, तजामुल, मो करमल, मो क्यूम, पप्पू, अफजल आदि के नेतृत्व में मुहर्रम संपन्न हुआ. जयपुर प्रतिनिधि के अनुसार, जयपुर बाजार में धूमधाम से ताजिया का पहलाम निकाला गया. इस बीच लोगों की काफी भीड़ थी.
लोगों ने लाठी, तलवार के साथ जुलूस निकाला. जुलूस को शांति पूर्वक निकाला गया. इस मौके पर मो मोनाबुल अंसारी, जाकीर अंसारी, सहाजिर अंसारी, फिरोज अंसारी, रेजाउल अंसारी, वसीर अंसारी सहित अन्य लोग शामिल थे. अमरपुर प्रतिनिधि के अनुसार गम और सब्र का त्योहार मोहर्रम को लेकर क्षेत्र के सभी इमामबाड़ों पर मोहर्रम का पहलाम किया गया. इस त्योहार को लेकर सभी मुसलिम भाइयों इमामबाड़ों की साफ-सफाई कर रंग रोगन के साथ शुक्रवार की शाम को वहां पर पहलाम की तैयारी कर रखी थी. मोहर्रम से ही उर्दू का नया महीना शुरू हो जाता है. इसकी अजमत इसलिए भी अधिक है कि इस माह में ही इमाम हुसैन अलैह सलाम की शहादत हुई थी. शिया मुसलमान जंजीरी मातम करते हैं. मुहर्रम का चांद दिखने के बाद शिया मुसलमान दो महीने आठ दिनों तक हजरत इमाम हुसैन अलैह सलाम की याद में गम मनाते हैं. शिया मुसलमान इमामबाड़ों में मातम, मजलिस ए हुसैन नौहाखानी और मर्सिया का आयोजन कर अपने गम का इजहार करते हैं. शिया मुसलमान मुहर्रम का चांद देखने के बाद दो महीने आठ दिनों तक न तो खुशी मनाते हैं और न ही शादी करते हैं. गम मनाने का आलम यह होता है कि पुरुष, महिला, और बच्चे काला लिबास धारण कर लेते हैं. साथ ही मोहल्लों और घरों में काला झंडा लगा देते हैं. सुन्नी मुसलमानों के मोहल्लों में चांद देखने के बाद इमामबाड़ों में ढोल-तासा और फातिहा शुरू हो जाता है. लोग घरों एवं मसजिदों में कुरान पाक की तिलावत भी करते हैं.
क्षेत्र के कटोरिया, भरको, महगामा, शोभानपुर, डुमरामा, सुलतानपुर, संग्रामपुर, धीमड़ा, दौना सहित जगहों के इमामबाड़ा पर पहलाम किया गया. रजाैन प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र के अल्पसंख्यक बहुल गांवों तेरह माइल, इसलामनगर, धाय हरणा, हरनाबुजुर्ग आदि जगहों पर मो साहब व खलीफा हजरत अली के बेटे हजरत इमाम हुसैन की शहादत पर मुसलिम समुदाय के लोगों ने मातमी जुलूस निकाला एवं ताजिये का पहलाम किया़ मुहर्रम के इस अवसर पर विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए बीडीओ नवीन कुमार कंठ थानाध्यक्ष परीक्षित पासवान व पुलिस बल के साथ विभिन्न क्षेत्र का दौरा किया. फुल्लीडुमर प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र में भी मुहर्रम का त्योहार मनाया गया. सुबह से मुसलिम समुदाय के लोग ताजिया लेकर निकले थ़े