कटोरिया : राज्य में बनने वाली महा गंठबंधन की नयी सरकार से कटोरिया प्रखंड के जनता को भी कई उम्मीदें हैं. चूंकि कटोरिया विधानसभा सीट (अजजा सुरक्षित) से महागंठबंधन प्रत्याशी स्वीटी सीमा हेंब्रम ही विजयी भी हुई हैं. इसलिए लोगों ने उनसे कई अधूरी परियोजनाओं के शीघ्र पूरा होने व नयी कल्याणकारी योजनाओं के स्थापित होने के सुनहरे सपने भी देखें हैं.
ताकि इस पिछड़े इलाकों से होने वाले मजदूरों व युवाओं का पलायन रूके, लोगों की बेबसी, गरीबी व लाचारी दूर हो, सिंचाई की सुविधा किसानों को मिले, पशुपालकों को श्वेत क्रांति से जोड़ कर उनकी आमदनी को बढ़ायी जाये, तसर के क्षेत्र में भी पर्याप्त संसाधन तसर पालकों को उपलब्ध हों, कटोरिया के सुदूरवर्ती जयपुर क्षेत्र को प्रखंड का दर्जा मिले,
कटोरिया में सौंदर्यीकरण की दिशा में भी बेहतर कार्य हों जैसे कई बिंदु शामिल हैं.—वर्षों से अधूरी है दरभाषण डैम का निर्माणकटोरिया प्रखंड के देवासी पंचायत अंतर्गत दरभाषण नदी पर बनने वाले दरभाषण डैम का निर्माण कार्य पिछले 27 सालों से अधूरी है़ इससे इलाके के किसान आज भी भगवान भरोसे खेती करने को विवश हैं.
इस स्थिति में क्षेत्रीय किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने की बजाय वे कर्ज की बोझ तले दबते जाते हैं. करोड़ों की राशि खर्च होने के बाद भी आज तक दरभाषण डैम के अधूरे कार्यों को पूरा करा कर किसानों को सिंचाई की उत्तम साधन मुहैया कराने का कार्य आज भी अधर में लटका हुआ है़ —दुग्ध शीतक केंद्र भी अधर मेंकटोरिया प्रखंड के पशुपालकों को श्वेत क्रांति से जोड़ने की दिशा में दुग्ध शीतक केंद्र खोलने के लिए यहां लाखों की लागत से भवन का निर्माण तो कराया गया है,
लेकिन गव्य विकास विभाग द्वारा अब इसमें जरूरी मशीनों को लगा कर किसानों से दूध खरीदने की व्यवस्था की दिशा में कोई पहल नहीं की गयी है़ यदि यहां दुग्ध शीतक केंद्र का शुभारंभ हो जाये, तो यहां के किसानों को सस्ते ऋण पर बेहतर नस्ल की गायें उपलब्ध होंगी, उनके पालन व दूध प्राप्ति के लिए उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण मिलेंगे़ जैविक खाद की दिशा में भी किसानों को सुविधा मिलेगी़, लेकिन यह योजना भी वर्षों से अधर में पड़ा हुआ है़
सौंदर्यीकरण का कार्य बना सपनाकटोरिया की पहचान श्रावणी मेला को लेकर अंतर्राष्ट्रीय जगत में भी है़ चूंकि इस होकर देश-विदेश के तीर्थयात्री सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर बाबाधाम की पैदल व सड़क मार्ग से यात्रा करते हैं, लेकिन कटोरिया चौक व आसपास के क्षेत्रों में अब तक सौंदर्यीकरण का कोई कार्य नहीं हुआ है़ शाम होते ही कटोरिया बाजार अंधेरे हो जाता है़
आज तक किसी भी सांसद या विधायक द्वारा चौक पर हाई मास्ट लाइट की व्यवस्था नहीं की गयी़ साफ-सफाई या पर्यावरण की दिशा में भी कटोरिया बाजार क्षेत्र में कोई सुंदर कार्य अब तक नहीं हो पाया है़
बालिका शिक्षा का सपना अधूराराज्य सरकार नारी सशक्तीकरण की बड़ी-बड़ी बातें करती है़ इस दिशा में कई योजनाएं भी चलायी जाती है, लेकिन कटोरिया में आठवीं कक्षा पास करने के बाद बालिकाओं के लिए शिक्षा प्राप्त करने के लिए कोई संस्थान नहीं है़
यहां इंटर स्तरीय प्रोजेक्ट बालिका हाई स्कूल भी स्थापित है, लेकिन यहां लगभग एक हजार छात्राएं महज तीन शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई करती है़ पढ़ाई भी महज कागजी खानापूर्ति भर ही़ क्योंकि छात्राओं की संख्या के अनुपात में शिक्षक-शिक्षिकाओं की कमी के कारण पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाता़ दूर-दराज से पहुंचने वाली छात्राएं सिर्फ उपस्थिति दर्ज कराने के बाद घर लौटने को मजबूर हो जाती है़
उपस्थिति भी दर्ज सिर्फ साइकिल, पोशाक व छात्रवृत्ति की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने मात्र को लेकर जर्जर हो चुके विद्यालय के लिए नये भवन निर्माण के लिए यहां पर्याप्त राशि भी मौजूद हैं, लेकिन जमीन की कमी के चलते उक्त राशि अब लौटने के कगार पर है़