मालूम हो कि शिक्षक नियोजन 2012 में बहाली के कार्यो को अंजाम देने वालों ने टीइटी पास की अनिवार्यता को ताख पर रख कर प्रखंड की कई पंचायतों में दर्जनों ऐसे व्यक्तियों को पढ़ाने की जिम्मेवारी सौंप दी, जिन्होंने या तो पात्रता परीक्षा पास ही नहीं की थी या फिर उनका प्रमाण पत्र ही फर्जी है. ऐसे फर्जी नियोजन करने का आरोप कुछ टीइटी पास अभ्यर्थियों ने लगाते हुए तत्कालीन बीडीओ को प्रमाण के साथ जनवरी, 2014 में आवेदन देकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी. पर, आज तक कार्रवाई नहीं हुई.
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फर्जी तरीके से दर्जनों शिक्षक हैं कार्यरत
रजौन: प्रखंड क्षेत्र में शिक्षा विभाग द्वारा फर्जी शिक्षकों को हटाने की कार्रवाई अब तक पूरी नहीं की गयी है. टीइटी परीक्षा पास किये बगैर आज भी दर्जनों शिक्षक रजौन में जमे हुए हैं. विभाग जांचोपरांत कार्रवाई करता है, लेकिन पिछले एक वर्ष में न तो विभागीय स्तर से जांच प्रक्रिया ही पूरी की गयी […]
रजौन: प्रखंड क्षेत्र में शिक्षा विभाग द्वारा फर्जी शिक्षकों को हटाने की कार्रवाई अब तक पूरी नहीं की गयी है. टीइटी परीक्षा पास किये बगैर आज भी दर्जनों शिक्षक रजौन में जमे हुए हैं. विभाग जांचोपरांत कार्रवाई करता है, लेकिन पिछले एक वर्ष में न तो विभागीय स्तर से जांच प्रक्रिया ही पूरी की गयी और न ही ऐसे फर्जी शिक्षकों को ही चिह्न्ति किया गया.
बहुत से फर्जी शिक्षक विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत हैं. वह अपने स्तर से साक्ष्य जुटाने का कार्य कर रहे हैं. बहुत जल्द इस रैकेट का परदाफाश कर दिया जायेगा.
उमेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष, शिक्षा समिति जिला परिषद
टीइटी प्रमाणपत्रों की जांच जिला स्तर से की जा चुकी है. पर, शिक्षकों की अन्य योग्यताओं की जांच नहीं की जा सकी है.
रामगुलाम वर्मा, बीइओ, रजाैन
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