बाराहाट : प्रखंड क्षेत्र के मनरेगा मजदूरों की स्थिति दिनोंदिन दयनीय होती जा रही है. एक ओर जहां सरकार मजदूरों के पलायन को रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है वहीं कुछ लोग अपनी पॉकेट भरने के फिराक में मनरेगा कामों से मजदूरों को बेदखल करने का प्रयास कर रहे हैं. प्रखंड में मनरेगा कार्य को लेकर हालात इस कदर बेकाबू है कि मनरेगा मजदूरों का कई-कई महीनों से जॉब कार्ड नहीं बन पा रहा है. जबकि कई पंचायतों में मजदूरों के द्वारा की गयी मजदूरी का भुगतान भी अब तक नहीं किया जा सका है.
इतना ही नहीं मनरेगा कार्यों में राशि हड़पने की नयी नीति भी बनायी जा रही है. प्रखंड के लौढ़िया खुर्द पंचायत में डाड़ खुदाई के काम में बड़ी बोली लगाने वाले ठेकेदारों को पंचायत रोजगार सेवक के द्वारा काम देकर मनरेगा मजदूरों को काम करने से वंचित किया जा रहा है. मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब पंचायत समिति सदस्य शेखर सिंह ने पंचायत के वार्ड नंबर 7 में संचालित मनरेगा योजना के तहत लखपुरा गांव से नील घड़ी तक डांड खुदाई के स्थल का जायजा लिया. खुदाई कर रहे भूदेव दास ने बताया कि पंचायत रोजगार सेवक के द्वारा उन्हें 15 हजार रुपये में डांड़ खुदाई का ठेका दिया गया है. इस मामले को लेकर पंचायत समिति सदस्य शेखर सिंह ने मौखिक रूप से प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर पंचायत रोजगार सेवक की शिकायत की. साथ ही मजदूरों की हकमारी को लेकर अधिकारी से स्थल जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.