पेयजल सकंट. महौता गांव में सभी चापानल फेल
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रिक्शे से ढोकर आयेगा पानी, तभी पकेगा खाना
पेयजल सकंट. महौता गांव में सभी चापानल फेल बांका : आजादी के 70 वर्ष बीत जाने के बावजूद जिले की मूलभूत बुनियादी समस्याएं समाप्त नहीं हुई है. नतीजतन लोगों की जिंदगी आज भी समस्याओं की गुलामी में जकड़ी हुई है. जिले के अमरपुर प्रखंड क्षेत्र के महौता गांव के ग्रामीण आज भी भीषण पेयजल की […]
बांका : आजादी के 70 वर्ष बीत जाने के बावजूद जिले की मूलभूत बुनियादी समस्याएं समाप्त नहीं हुई है. नतीजतन लोगों की जिंदगी आज भी समस्याओं की गुलामी में जकड़ी हुई है. जिले के अमरपुर प्रखंड क्षेत्र के महौता गांव के ग्रामीण आज भी भीषण पेयजल की समस्या जूझ रहे हैं. आलम, यह है कि सैकड़ों ग्रामीण आज भी मीलों दूर से ट्रैक्टर, रिक्शा, ठेला व साइकिल से पानी ढोकर लाने को विवश हैं. जानकारी के मुताबिक गांव की कमोबेश सभी चापानल पूर्णरूप से खराब पड़ी है.
इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार संबंधित विभाग में गुहार भी लगायी. परंतु महज खाना-पूर्ति के अलावा कुछ नहीं किया गया है. नतीजतन आज अक्तूबर माह में भी पानी की समस्या यहां जस की तस है. यहां पानी की समस्या आज से नहीं बल्कि कई वर्षों से चल रही आ रही है. बताया जाता है कि पैन बांध के अतिक्रमण के बाद गांव का जलस्तर काफी नीचे सरक गया है. इसी वजह से पूर्व में लगाये चापानल से पानी देना बंद हो गया है. एक-दो घर में चापानल है भी तो वह पूरे गांव की प्यास बुझाने में निरर्थक साबित हो रहा है. लिहाजा, ग्रामीणों को आसपास के गांव से पानी लाना पड़ रहा है.
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