सृजन घोटाला . भागलपुर आइओ संग जब्त कागजातों की हो रही जांच
सृजन घोटाले में मंगलवार को भी एसआइटी ने कई घंटों तक भू-अर्जन कार्यालय में जांच पड़ताल की. इसके बाद एसआइटी के कुछ सदस्यों के साथ एसडीपीओ शशि शंकर भागलपुर पहुंचे. लेकिन, बैंक बंद रहने की वजह से जांच नहीं पायी. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि अज्ञात जमाकर्ता ने 27 जून 2013 को बैंक ऑफ बड़ौदा में 52 करोड़ रुपये जमा कराया था. उधर, डीएम ने विभागीय खाता जांच का निर्देश दिया है. अब सभी विभाग को विहित प्रपत्र ए, बी व सी को भरकर जमा करनी है.
बांका : सृजन घोटाले का मामला सामने आने के बाद जिले का पारा तेजी से चढ़ रहा है. मंगलवार को भी एसआइटी ने कई घंटों तक भू-अर्जन कार्यालय में जांच पड़ताल की. इसके बाद एसआइटी के कुछ सदस्यों के साथ एसडीपीओ शशि शंकर भागलपुर पहुंचे. लेकिन, बैंक बंद रहने की वजह से जांच प्रक्रिया में सफलता नहीं मिली. टीम इसके उपरांत सबौर स्थित सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के कार्यालय पहुंची. लेकिन, वह भागलपुर एसआइटी द्वारा सील पायी गयी. हालांकि,
इस दौरान यह पता चला कि बैंक व सृजन सहयोग समिति का सारा रोकड़, बही से लेकर बैंक पासबुक सहित अन्य अभिलेख पूर्व में ही भागलपुर पुलिस द्वारा जब्त कर ली गयी है. इसके बाद बांका की जांच टीम भागलपुर केस के संबंधित आइओ के पास पहुंची. वहां जब्त कागजातों की जांच कर आवश्यक जानकारी प्राप्त की गयी. हालांकि, जांच पूरी तरह नहीं हो पायी. जानकारी के मुताबिक भागलपुर व बांका का तार सृजन से जुड़ने के बाद अब दोनों जिला की टीम संयुक्त रूप से जांच करेगी. चूंकि बांका व भागलपुर में दर्ज प्राथमिकी में कई अभियुक्त एक ही हैं. लिहाजा, जांच प्रभावित न हो, इसलिए संयुक्त रूप से जांच प्रक्रिया पूरी की जायेगी.
आरोपितों की होगी गिरफ्तारी
बैंक में हड़ताल होने की वजह से जांच नहीं हुई है. लेकिन, एसआइटी मंगलवार को भागलपुर पहुंची थी. भागलपुर कांड के आइओ से मिलकर जरूरी जानकारी प्राप्त की गयी है. चूंकि भागलपुर सृजन घोटाले के बाद ही सभी जरूरी दस्तावेज आदि को जब्त कर ली गयी थी. इसलिए भागलपुर के सहयोग से मामले का उद्भेदन के साथ आरोपियों को गिरफ्तार किया जायेगा. दोषियों को नहीं बख्शा जायेगा.
चंदन कुमार कुशवाहा, एसपी, बांका
बैंक ऑफ बड़ौदा में जमा कराये थे 52 करोड़
बांका : भागलपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में अंतिम समय में 27 जून 2013 को 52 करोड़ की राशि जमा कराई गयी थी. यह राशि अज्ञात जमाकर्ता ने जमा कराया था. जबकि इस खातें में पूर्व से ही आठ करोड़ रुपये जमा थे. इसी समय बांका स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में भी विभाग का एक खाता खुलवाकर भागलपुर से 60 करोड़ की राशि इसमें स्थानांतरित कर दी गयी. और इसके तुरंत बाद खाता को बंद करवा दिया गया. साथ ही 60 करोड़ की राशि कोषागार में जमा करा दिया गया. जांच क्रम में जब बंद खाता को टटोला गया तो सारा माजरा सामने आ गया. जांच दल ने भू-अर्जन विभाग के करीब तीन दर्जन से अधिक खाता की कुंडली खंगाली है. जिसमें अबतक भागलपुर स्थित इंडियन बैंक व बैंक ऑफ बड़ौदा में त्रुटि नजर आई.
विहित प्रपत्र ए, बी, सी जमा करने का निर्देश
बांका . सृजन घोटाले का मामला उजागर होने के बाद डीएम ने विभागीय खाता जांच का निर्देश दिया है. इसमें बैंक स्टेटमेंट से खाता की सभी जमा-निकासी को मिलाने की बात कही गयी थी. जानकारी के मुताबिक सभी विभाग को विहित प्रपत्र ए, बी व सी को भरकर जमा करनी है. अगर जांच क्रम में त्रुटि आती है तो इसकी छानबीन कर सही तथ्य सामने लाने की बात कही गयी है. आदेश के बाद आइसीडीएस, नजारत, कल्याण, आइसीडीएस सहकारिता सहित विभिन्न विभागों में जांच शुरु हो गयी है. अबतक जांच में भू-अर्जन के अलावा किसी भी विभाग में किसी प्रकार की धांधली नहीं पकड़ी गयी है. अगर इस दरम्यान किसी प्रकार का आर्थिक अपराध सामने आता है तो संबंधित के विरुद्ध ठोस कार्रवाई की जायेगी.
दोषियों के खिलाफ की जायेगी कार्रवाई
सृजन घोटाला कांड से जुड़ी तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी जयश्री ठाकुर, बैंक ऑफ बड़ौदा व इंडियन बैंक प्रबंधक सहित सृजन महिला विकास सहयोग समिति के जुड़े लोगों की गिरफ्तारी जल्द की जायेगी. इसके लिए एसआइटी छापेमारी कर रही है. पुलिस सूत्रों की मानें तो अभियुक्त एक होने की वजह से गिरफ्तारी में भी बांका व भागलपुर की टीम संयुक्त रूप से काम कर सकती है. हालांकि मौजूदा समय में सभी आरोपी भागलपुर कांड के बाद से ही फरार चल रहे हैं. इसके लिए पुलिस गुप्त रणनीति के तहत काम करेगी. ताकि अभियुक्त की जल्द से जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके.