औरंगाबाद नगर : मंगलवार को व्यवहार न्यायालय के एफटीसी सप्तम न्यायाधीश एमके राय की अदालत ने हत्या मामले की सुनवाई करते हुए 34 वर्ष बाद तीन आरोपितों को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई है. वहीं 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. यह फैसला ओबरा थाना कांड संख्या 46/83 के भादवि की धारा 302, 307, 27 आर्म्स एक्ट के तहत सुनाया गया है. इसके तहत आरोपित रावानी मियां,
जितेंद्र सिंह, शमीम मियां सभी निवासी महसी थाना ओबरा के रहनेवाले हैं. इन सभी को सजा सुनायी गयी है. मामला यह है कि 23 फरवरी 1987 को दीनानाथ मिश्रा की हत्या गोली मार कर कर दी गयी थी. इस घटना से संबंधित प्राथमिकी मृतक के भाई पृथ्वीनाथ मिश्रा के बयान पर ओबरा थाना में दर्ज की गयी थी. पूरा मामला यह था कि मामूली विवाद को लेकर उक्त सभी आरोपितों ने दीनानाथ मिश्रा के घर में दिन में हमला बोल कर जम कर गोलीबारी की थी, जिसमें दीनानाथ मिश्रा को गोली लगने से घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी. सजा से संबंधित जानकारी मीडिया प्रभारी सतीश कुमार सनेही ने दी है.