औरंगाबाद (कोर्ट) : औरंगाबाद सिविल सजर्न कार्यालय में पदस्थापित दो लिपिक को भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से वंचित कर दिया गया है. इन दोनों लिपिकों को लगभग पांच वर्ष पूर्व रिश्वत लेते हुए जिला निगरानी टीम ने रंगे हाथों पकड़ा था, प्राथमिकी दर्ज करते हुए जेल भेज दिया था. बाद में सजायाफ्ता दोनों लिपिक बसंत प्रसाद सिंह व भीम कुमार को न्यायालय से जमानत मिलने पर छोड़ा गया था.
जमानत पर जेल से छूटने के बाद दोनों लिपिकों ने फिर से सिविल सजर्न कार्यालय में अपनी सेवा देने संबंधी अर्जी सीएस के पास दी थी. काफी दिनों के बाद सिविल सजर्न ने दोनों को अपने कार्यालय में ड्यूटी दी थी. इधर, सूत्रों की मानें तो जब पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया व भ्रष्ट पदाधिकारी और कर्मचारी को हटाने का निर्देश दे दिया तो सिविल सजर्न भी हरकत में आये, कार्रवाई करते हुए सेवा से वंचित कर दिया.
इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सजर्न डॉ परशुराम भारती ने बताया कि जेल जाने के बाद एक लिपिक को सुप्रीम कोर्ट तो दूसरे को हाई कोर्ट द्वारा जमानत दी गयी थी. फिलहाल विभागीय कार्रवाई करने की प्रक्रिया चल रही है. विभाग के निर्देशानुसार रिपोर्ट तैयार कर भेज दिया गया है. उम्मीद है विभाग द्वारा जल्द ही कार्रवाई भी की जायेगी. बताते चलें कि लगभग पांच वर्ष पूर्व इन दोनों लिपिक को एक नर्स से स्थानांतरण व पदस्थापित करने के नाम पर रिश्वत लेते हुए जिला निगरानी टीम ने पकड़ी थी. इसके बाद दोनों को जेल भेजा गया था. गौरतबल है कि एक लिपिक बसंत प्रसाद सिंह को इसी माह में सेवानिवृत्त होना था.