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राजनाथ व सुशील की मुलाकात से राजनीति गरमायी

औरंगाबाद (कार्यालय) : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से सांसद सुशील कुमार सिंह की मुलाकात के बाद औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र की राजनीति गरमा गयी है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि अगर सांसद भाजपा में शामिल होते है तो जदयू समेत नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगेगा, वहीं भाजपा को […]

औरंगाबाद (कार्यालय) : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से सांसद सुशील कुमार सिंह की मुलाकात के बाद औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र की राजनीति गरमा गयी है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि अगर सांसद भाजपा में शामिल होते है तो जदयू समेत नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगेगा, वहीं भाजपा को बहुत बड़ा फायदा होगा.

दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में राजनीति का एक नया अध्याय शुरू होगा. नरेंद्र मोदी के साथ (भाजपा) में शामिल होने के बाद भगवा कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फौज सुशील कुमार सिंह को सौगात में मिलेगी. साथ ही, जदयू से भी कई बड़ी संख्या में लोग सांसद के साथ ‘कमल’ के साथ जायेंगे. अब सिर्फ सांसद के औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल होने का इंतजार है.

सांसद व विधायक में छत्तीस का आंकड़ा!

औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह व भाजपा के स्थानीय विधायक रामाधार सिंह के बीच पिछले एक दशक से छत्तीस का आंकड़ा बना हुआ था. राजनीति का व्यंग वाण अक्सर चल रहे थे. यही नहीं विधायक रामाधार सिंह जब सहकारिता मंत्री थे, तब भी सांसद के साथ रिश्ते अच्छे नहीं रहे.

अब स्थिति यह हो गयी है कि भाजपा विधायक के चिर प्रतिद्वंद्वी सुशील कुमार सिंह राजनाथ सिंह से मिल चुके है. अब उनका भाजपा में आना तय माना जा रहा है. अब भाजपा विधायक के लिए यह सबसे बड़ा राजनीतिक आघात माना जा रहा है. हालांकि अभी तक विधायक रामाधार सिंह ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

लेकिन इनके नजदीकी समर्थकों की मानें तो भाजपा विधायक के लिए यह सबसे कठिन परिस्थिति उत्पन्न हो गयी है. ऐसे में वे अभी क्या सोच रहे है, क्या करने वाले है यह कोई नहीं बता पा रहा है.

भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ताओं की एक लंबी कतार है. यह कहा जाये कि सभी दल के कार्यकर्ताओं की गिनती की जाये तो भी भाजपा के कार्यकर्ता अधिक है. इन कार्यकर्ताओं में अधिकांश स्थानीय विधायक के विरोधी माने जाते है. यही नहीं भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की जो सूची है, उसमें पूर्व के जितने भी जिलाध्यक्ष थे वे सभी विधायक के विरोधी खेमे में शामिल है.

सभी को इस बात का इंतजार था कि सांसद सुशील कुमार सिंह किसी प्रकार भाजपा में शामिल हों, हुआ भी यही. सांसद सुशील कुमार सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिले और अब केवल इनके बारे में घोषणाएं बाकी है.

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