मदनपुर (औरंगाबाद) : कृषि विभाग द्वारा किसानों को रबी की फसल में अधिक उपज प्राप्त करने के लिए अनुशंसित बीज दिये जा रहे है. इसके लिए प्रत्येक पंचायत में मसूर का 10, चना का 5, गेहूं का 30 प्रत्यक्षण कीट प्रगतिशील किसान को उपलब्ध कराये जा रहे है.
मसूर के कीट के लिए 3350 रुपये नकद भुगतान करने पर 20 किलो मसूर के बीज के साथ-साथ उर्वरक व रसायनिक दवाएं दिये जा रहे है. चना के लिए 6500 रुपये जमा करने पर 80 किलो बीज के अलावे दवाइयां दिये जाते है. गेहूं की कीट के लिए 1600 रुपये नकद देने के बाद 10 किलो गेहूं के अलावे दवाइयां दी जा रही है.
एक ओर अकाल की मार झेल रहे किसानों के समक्ष इतनी राशि एक मुश्त जमा करना मुश्किल दिख रहा है. सरकार द्वारा दिये जा रहे मसूर की कीमत 160 रुपये किलो पड़ रही है. बाजारों में 30 से 40 रुपये किलो अच्छा बीज उपलब्ध है. चना के लिए सरकार द्वारा 100 रुपये किलो की दर निर्धारित है.
बाजार में 50-55 रुपये प्रति किलो अच्छे बीज उपलब्ध हो रहे है. वहीं गेहूं के लिए 160 रुपये की दर सरकार द्वारा लिये जा रहे है. बाजार में 30 से 35 रुपये प्रति किलो की दर से अच्छे किस्म के गेहूं का बीज उपलब्ध है. किसान पदुम सिंह, संजीव कुमार सिंह,सीताराम दास, बजरंगी महतो,बिंदा महतो की माने तो बीज के नाम पर सरकार किसानों को लूट रही है. कहने के तो बीज अनुदान में दिये जा रहे है. लेकिन किसानों को पहले पैसा लगाना है.
बाद में चेक के माध्यम से पैसा लौटाने की बात कही जाती है. एक ओर किसानों के पास न तो इतनी मोटी रकम है जिससे की भुगतान कर बीज विक्रेता से प्राप्त करे. साथ ही भारतीय स्टेट बैंक में खाता नहीं होने के कारण मिले हुए चेक को भुनाने में भी समस्या खड़ी हो रही है. ऐसे में रबी के लिये दिये जा रहे कीट किसानों के लिए सहयोगी न साबित होकर कष्टकारी सिद्ध हो रहा है.