– सुजीत कुमार सिंह –
– टेल्हापुर लैंडमाइंस विस्फोट में निशाने पर आयी गाड़ी, टुकड़े-टुकड़े हो कर बिखर गयी
– लैंडमाइंस विस्फोट के बाद आसपास के गांवों में पसरा सन्नाटा
– 17 अक्तूबर के बाद दूसरा बड़ा हमला
– पिसाय की घटना में गयी थी सात लोगों की जान
औरंगाबाद : 17 अक्तूबर को ओबरा थाना क्षेत्र के पिसाय गांव के समीप हुए लैंड माइंस विस्फोट की घटना से नवीनगर लैंड माइंस विस्फोट की घटना काफी हद तक मेल खा रही है. पिसाय में भी शक्तिशाली लैंड माइंस लगा कर नक्सलियों ने एक टाटा सफारी वाहन को उड़ा दिया था.
उस घटना में तब सात लोगों मौत हुई थी. ठीक उसी पैटर्न पर मंगलवार की शाम साढ़े चार बजे नक्सलियों ने लैंड माइंस से विस्फोट किया. इस घटना में भी गाड़ी के परखच्चे उड़े गये. शवों की हालत भी पिसाय जैसी ही दिखी.
दोनों लैंड माइंस विस्फोट की घटनाएं अचूक रहीं. दोनों ही घटनाओं में निशाने पर आये लोगों को अगली सांस लेने का भी मौका नहीं मिला. मंगलवार की शाम नवीनगर-टंडवा पथ में टेल्हापुर के समीप घटी. लैंड माइंस विस्फोट के बाद आसपास के गांवों में सन्नाटा पसर गया. हालांकि ग्रामीण घटनास्थल पर आ जा रहे थे.
लोग लैंड माइंस में मारे गये सैप के जवान व थानाध्यक्ष के शव को पहचानने का प्रयास कर रहे थे. लेकिन किसी की जुबान से एक शब्द सुनने को नहीं मिल रहा था. नक्सलियों द्वारा उड़ायी गयी पुलिस जीप के परखच्चे उड़ गये थे. खेतों में शव दूर-दूर तक बिखरे पड़े थे. लाशें इस तरह क्षत-विक्षत हो गयी थीं कि किसी का चेहरा पहचानना मुश्किल प्रतीत हो रहा था. वैसे, इससे पहले भी इस क्षेत्र में कई नक्सली घटनाएं घट चुकी हैं.
लेकिन, इस बार हुई लैंड माइंस की इस बड़ी घटना ने एक बार फिर लोगोंे को दहशत में ला दिया है. हमलावर नक्सलियों ने एक बार फिर यह जताने की कोशिश की है कि उनकी ताकत में कहीं कोई कमी नहीं है. यह भी कि उनकी रणनीति भी कम मजबूत नहीं है. वे जैसे चाहेंगे, कर दिखायेंगे.