कुटुंबा बीडीओ को पावर व सीनियर होने का धौंस दिखाना पड़ा महंगा शराब के नशे में थे बीडीओ सदर अस्पताल में बीडीओ की जांच रिपोर्ट में खुलासा (फोटो नंबर-11,12,)कैप्शन- सदर अस्पताल में बीडीओ का जांच करते चिकित्सक, अस्पताल में लगी भीड़ (लीड) औरंगाबाद (ग्रामीण)दूसरे को कानून का पाठ पढ़ाने वाले अगर खुद कानून का पाठ भूल जाये तो इससे बड़ी बात क्या हो सकती है. जब एक पदाधिकारी नशे में धुत होकर अप शब्दों का प्रयोग करे तो आम आदमी से क्या उम्मीद की जा सकती है. औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड के विकास पदाधिकारी मनोज कुमार शराब के नशे में धुत होकर मुफस्सिल थाने के इंस्पेक्टर व साथ रहे अन्य पुलिसकर्मियों के साथ उलझ पड़े. लेकिन पावर व सीनियर होने का धौंस दिखाना बीडीओ को महंगा पड़ गया. मुफस्सिल थाने की पुलिस ने बीडीओ साहेब पर कड़ा रूख अख्तियार करते हुए उन्हें ही सबक सिखाने का फैसला कर लिया और सीधे बीडीओ साहेब के साथ एक मुखिया जी को भी मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंचा दिया. सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने बीडीओ साहेब व मुखियाजी का मेडिकल टेस्ट किया. मेडिकल टेस्ट में मुखियाजी तो बच गये लेकिन बीडीओ साहेब शराब केे नशे में पाये गये. आखिरकार मुफस्सिल इंस्पेक्टर अनंत कुमार ने उनसे पीआर बांड पर साइन करवाया व फिर उन्हें जाने की इजाजत दी. क्या है मामलामंगलवार की रात साढ़े नौ बजे के करीब कुटुंबा प्रखंड के विकास पदाधिकारी मनोज कुमार, परता पंचायत के मुखिया कपिलदेव पांडेय सहित तीन-चार लोग मारुति कार से औरंगाबाद से कुटुंबा लौट रहे थे. औरंगाबाद-डाल्टेनगंज रोड में ओवरब्रिज से थोड़ा आगे मोंटोकार्लो कार्यालय के समीप सड़क के किनारे बीडीओ की गाड़ी खाई में उतर गयी. कार में बैठे लोग आपस में बकझक करने लगे. इसी बीच मुफस्सिल थाने की पुलिस गश्ती के दौरान वहां पहुंच गयी और कार में रहे लोगों से कारण पूछा. इसी दौरान बीडीओ व इंस्पेक्टर के बीच कहा सुनी हो गयी. फिर मामला सदर अस्पताल तक पहुंच गया. अपशब्द का प्रयोग कर धौंस भी जमाया : थानाध्यक्षमुफस्सिल थानाध्यक्ष अनंत राम ने बताया कि हम लोग रात में गश्ती के लिए चतरा मोड़ की ओर जा रहे थे. इसी बीच रास्ते में देखा कि एक गाड़ी रोड के किनारे गिरी हुई है और लोग हल्ला कर रहे हैं. पास पहुंचने पर जब कारण पूछा तो सभी हमसे ही उलझ गये और अपशब्द का प्रयोग किया. एक आदमी ने बोला कि हम कुटुंबा के बीडीओ हैं, हमें पहचानते नहीं, हम ये कर देंगे, वो कर देंगे. इसके बाद वरीय पदाधिकारी को इसकी सूचना दी. वरीय पदाधिकारी के आदेश पर बीडीओ व मुखिया का मेडिकल टेस्ट कराया. सभी शराब के नशे में धुत थे. मेडिकल टेस्ट में बीडीओ नशे में पाये गये. हमने शराब नहीं पी : बीडीओकुटुंबा प्रखंड के बीडीओ मनोज कुमार ने शराब पीने व पीने के बाद पुलिस पदाधिकारियों के साथ किये गये गलत व्यवहार तथा मेडिकल टेस्ट को पूरी तरह खारिज कर दिया. बीडीओ ने कहा कि शराब पीने की बात गलत है. पुलिस पदाधिकारी के साथ कोई गलत व्यवहार नहीं किया हूं. अस्पताल में ब्लड प्रेशर का टेस्ट कराया था, जब शराब पीये ही नहीं तो पॉजिटिव की बात ही गलत है. बीडीओ ने बताया कि औरंगाबाद से खाना खाने के बाद अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ कुटुंबा जा रहे थे. औरंगाबाद-डाल्टेनगंज रोड में सामने से आ रही वाहन के लाइट से परेशानी होने के बाद मेरी निजी गाड़ी सड़क के किनारे ढलने लगी. इसी बीच पुलिस आ गयी. पुलिस को हमने बुलाया नहीं. शराब वाली बात गलत है. हमने कोई अल्कोहल नहीं लिया और अगर कोई आरोप लगाता है, तो वह बेबुनियाद है.
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कुटुंबा बीडीओ को पावर व सीनियर होने का धौंस दिखाना पड़ा महंगा
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