औरंगाबाद में पूर्व मंत्री रामाधार सिंह को मिली भारी शिकस्त, जनता ने नकारा कांग्रेस के आनंद शंकर को मिला ताज एक राउंड के बाद आनंद शंकर की बढ़ती गयी बढ़त (औरंगाबाद विधानसभा) औरंगाबाद (ग्रामीण)औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र से तीन बार भाजपा के टिकट पर विजय हासिल कर चुके पूर्व मंत्री रामाधार सिंह अपने अति आत्मविश्वास व बड़बोलपन से चारों खाने चित हो गये. कांग्रेस के युवा प्रत्याशी आनंद शंकर ने उन्हें पराजित कर औरंगाबाद की राजनीति को युवा ब्रिगेड की ओर अग्रसरित किया है. युवा नेता ने रामाधार सिंह को हर क्षेत्र में पराजित किया. रामाधार सिंह को औरंगाबाद जिले में भारी हार झेलनी पड़ी है. 18 हजार से ऊपर मतों से उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा है. मतगणना के प्रारंभ में भाजपा प्रत्याशी कांग्रेस प्रत्याशी से आगे चल रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ता गया वैसे-वैसे रामाधार सिंह पीछे होते चले गये. एक राउंड के बाद हर राउंड में आनंद शंकर की बढ़त बड़ी होती गयी और फिर वह बढ़त पहुंच से दूर हो गयी. औरंगाबाद विधानसभा सीट पर उम्मीद भरी नजरों के साथ भाजपा कार्यकर्ता देख रहे थे, लेकिन हुआ कुछ नहीं. पहले से ही जो डर उन्हें बना था वो आखिरी तक रह गया. रामाधार सिंह ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान अपने जीत का स्पष्ट संकेत दिया था. उन्होंने आनंद शंकर पर कई जगहों पर कटाक्ष किये थे. यहां तक कि उनके परिवार पर भी कटाक्ष किया था. रामाधार ने कहा था कि दूधमुंहा बच्चा उनका मुकाबला नहीं कर सकता. हुआ ठीक इसके विपरीत. युवा नेता ने राजनीति के माहिर खिलाड़ी रामाधार सिंह को हरा दिया. छात्र नेताओं ने बतायी अपनी जीत : भारतीय राष्ट्रीय छात्र कांग्रेस के कार्यकर्ता पूरे चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शंकर के ढाल बने रहे. जिलाध्यक्ष आशुतोष कुमार व उपाध्यक्ष विवेक सिंह उर्फ बिट्टू अपने छात्र नेताओं के साथ चुनाव का कैंपेन किया. सुबह से देर रात अपने प्रत्याशी के पक्ष में छात्र नेताओं ने प्रचार प्रसार किया और घर-घर जाकर मतदाताओं से वोट मांगे. युवा बिग्रेड के बीच प्रत्याशी आनंद शंकर ने मतदाताओं को आकर्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, इसी का परिणाम है कि उन्हें मतदाताओं ने औरंगाबाद की बादशाहत दी. छात्र नेता विवेक सिंह ने कहा कि यह जीत एनएसयूआइ की जीत है. छात्र नेताओं के मेहनत का फल मिला है. औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र का विकास ही हमारे प्रत्याशी का मुख्य उद्देश्य है. छात्र नेता मोहम्मद मजहर ने भी अपनी सफलता पर प्रसन्नता जाहिर की है. गुरु जी बन गये विधायक : औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र से महागंठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में आनंद शंकर ने जबरदस्त जीत हासिल की है. पूर्व मंत्री व तीन बार औरंगाबाद से रहे विधायक रामाधार सिंह को चुनावी पटखनी दी है. आनंद शंकर उर्फ पंजाबी, वैसे तो समाजसेवा में लगे रहते थे. लेकिन सबसे बड़ी बात है कि उन्होंने एक स्कूल भी खोला है, जिसके वे डायरेक्टर हैं. अब गुरु जी विधायक बन गये, तो उनके स्कूल के बच्चों को भी एक तोहफा मिला है. रायपुरा के आनंद ने किया है बीबीएऔरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विजय हासिल करनेवाले आनंद शंकर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रायपुरा गांव के रहनेवाले हैं. उनके पिता यमुना सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. पूर्व में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं. पिता के साथ कदम से कदम मिला कर आनंद शंकर ने भी पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया. युवा कांग्रेस के आनंद शंकर औरंगाबाद विधानसभा अध्यक्ष हैं. आनंद की शिक्षा औरंगाबाद के अलावे रांची में भी हुई है. बीआइटी मिश्रा (रांची)से उन्होंने बीबीए किया है. वर्ष 2005 में उन्होंने एमबीए की पढ़ाई पूरी की. सबका सम्मान, सबका विकास ही उद्देश्य : आनंदऔरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शंकर ने कहा कि यह जीत जनता के प्यार की जीत है. औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र का सर्वांगीण विकास करना ही हमारी पहली प्राथमिकता है. समाज के हर तबके के लोगों का सम्मान और विकास ही हमारा मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि औरंगाबाद के लोगों ने जो प्यार और समर्थन दिया है वह ताउम्र नहीं भुलूंगा. युवाओं ने हमारे अभियान को मजबूती दी, तो बुजुर्गों ने दोनों हाथ उठाकर आशीर्वाद दिया है. उनके आशीर्वाद और प्यार को जाया नहीं जाने दूंगा. सिंचाई, बिजली, सड़क व अन्य मूलभूत सुविधाओं पर विशेष रूप से ध्यान रहेगा. औरंगाबाद को शिक्षा का हब बनाने के लिए हर प्रयास करूंगा. अमित शाह का गुरुमंत्र भी नहीं आया काम : भाजपा विधायक रामाधार सिंह राजनीति के खिलाड़ी माने जाते हैं. लेकिन एक युवा खिलाड़ी ने उनकी वर्षों की मेहनत पर पानी फेर दिया. चुनाव के पहले औरंगाबाद विधानसभा की राजनीति में कई पेच आये. दुश्मनी दोस्ती में बदली और पराये से प्यार हुआ. गुरुजी ने गुरु मंत्र भी दिया,लेकिन कोई काम नहीं आया. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की नजर औरंगाबाद सीट पर थी. कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र भी दिया था. उसके दूसरे दिन राजनीति गलियारे में हलचल हुई. सांसद सुशील कुमार सिंह व रामाधार सिंह के बीच वर्षों से चली आ रही खायी को पाटा गया. लेकिन हुआ कुछ नहीं. भाजपा प्रत्याशी को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी.
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औरंगाबाद में पूर्व मंत्री रामाधार सिंह को मिली भारी शिकस्त, जनता ने नकारा
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