औरंगाबाद कार्यालय : विस्थापित किसान मजदूर संघर्ष समिति ने डीएम को पत्र लिख कर नवीनगर पावर जेनरेशन कंपनी (एनपीजीसी) परियोजना से प्रभावित किसान–मजदूरों को न्यायोचित हक दिलाने के लिए ग्राम विकास सहलाहकार समिति (वीडीएसी) की बैठक पुन: बुलाने की मांग की है.
समिति द्वारा इस संबंध में डीएम को लिखे गये पत्र में उल्लेख किया है कि एनपीजीसी परियोजना बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. इसके लिए यहां के किसानों ने स्वेच्छा से भूमि देकर शपथ पत्र लिया है, लेकिन परियोजना प्रभावित किसान–मजदूरों के हक की अनदेखी की जा रही है.
24 अगस्त को आनन–फानन में वीडीएसी की बैठक नगर भवन में बुलायी गयी, जिसमें 3900 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष वार्षिकी देने की घोषणा कर बैठक समाप्त कर दी गयी. किसानों से कुछ भी सलाह नहीं ली गयी और न ही उनकी बात सुनी गयी, जबकि किसानों की एक संयुक्त कमेटी गठन कर पदाधिकारियों को गहन विचार–विमर्श कर निर्णय लिया जाना चाहिए था.
ऐसे में यह कहना कोई गलत नहीं होगा कि यह वीडीएसी की बैठक नहीं बल्कि आमसभा हुई और जो वार्षिकी की घोषणा की गयी है वह दोषपूर्ण है. प्रभावित किसान व समिति इससे संतुष्ट नहीं है. इस परिस्थिति में वीडीएसी का गठन नये सिरे से किया जाये. प्रत्येक प्रभावित गांव से दो किसानों का चयन कर समिति में रखा जाये और बैठक बुलायी जाये.
डीएम को पत्र देने वालों में समिति के अध्यक्ष मंटू कुमार सिंह, महासचिव गोवर्धन सिंह यादव, उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह, महेंद्र प्रसाद सिंह, बबन सिंह, अनुग्रह सिंह, दिनेश प्रसाद सिंह, राकेश कुमार सिंह, रामचंद्र सिंह, उपेंद्र सिंह यादव, मुकेश पटेल आदि शामिल हैं.