औरंगाबाद कार्यालय : गुरु पूर्णिमा पर आस्था व विश्वास के प्रतीक साई मंदिर में भक्ति जागरण हुआ. इसमें दानिका सांस्कृतिक संस्थान के कलाकारों ने संगीत के माध्यम से लोगों का मन मोह लिया.
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के रवींद्र कुमार के गुरु वंदना से शुरू हुई. कलाकार सरोज सागर, राजीव, आस्था, खुशबू, मनीषा, अनिशा, शांति, निरंजन, राघवेंद्र, रामध्यान, तेजस्विनी, शान्याल, शैली, कुशलेश समदर्शी व धर्मेद्र धाकड़ ने संगीत का ऐसा जादू बिखेरा, कि लोगों की तालियां बजती रही और कलाकारों के हौसले बढ़ते रहे.
इस कार्यक्रम में संगीत से जुड़े श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए थे. इनमें महिलाओं की संख्या अधिक थी. आयोजन समाप्ति के बाद साई मंदिर कमेटी ने कलाकारों को सम्मानित भी किया.
स्वयंसेवकों ने मनाया उत्सव
औरंगाबाद(सदर) : व मनाया गया. इसमें सह जिला बौद्धिक प्रमुख चितरंजन कुमार ने कहा कि देश में गुरु के प्रति जैसी भावना व महत्ता है. वैसा संसार के किसी भी देश में नहीं है.
उन्होंने बताया कि संघ में किसी व्यक्ति को गुरु न मान कर तत्व के प्रति भगवा ध्वज को गुरु माना गया है. इस मौके पर आशुतोष कुमार, धनंजय प्रसाद, गौतम, रौशन, भास्कर, राजेश, अशोक, अभिषेक, श्रवण प्रसाद, चितरंजन प्रसाद, राजेश, पंकज, बिट्ट, राहुल, सूरज प्रमुख रूप से मौजूद थे.
माता रानी मंदिर में गुरु पूजन
इस अवसर पर राजाराम, सुनील, सुदर्शन, पवन शर्मा, अजय, मंजू, शालिक राम व रंजती केशरी ने गुरु पूजा करने के बाद कहा कि आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इस दिन शिष्यों द्वारा अपने गुरु की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है.