औरंगाबाद नगर : गुरुवार को उम्मीदवार अनुसेवक के अधीन जिले के विभिन्न विभागों व निर्वाचन कार्य में समय-समय पर दैनिक रूप से कार्य करते आ रहे अनुसेवक के अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. पहले दर्जनों की संख्या में अभ्यर्थी जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल से मिलने के लिए पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने मिलने से इन्कार कर दिया.
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अनुसेवक अभ्यर्थियों का बहाली को लेकर हंगामा
औरंगाबाद नगर : गुरुवार को उम्मीदवार अनुसेवक के अधीन जिले के विभिन्न विभागों व निर्वाचन कार्य में समय-समय पर दैनिक रूप से कार्य करते आ रहे अनुसेवक के अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. पहले दर्जनों की संख्या में अभ्यर्थी जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल से मिलने के लिए […]
इससे आक्रोशित होकर अभ्यर्थियों ने समाहरणालय परिसर में जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और जैसे ही जिलाधिकारी अपने कार्यालय से जाने के लिए निकले, तो अभ्यर्थियों ने वाहन को घेर लिया. कुछ अभ्यर्थी वाहन के सामने जमीन पर भी लेट गये. अभ्यर्थियों के आक्रोश को देखते हुए जिलाधिकारी वाहन से उतरे और अभ्यर्थियों से मिल कर उनकी समस्याएं सुनी. साथ ही साथ जिला स्थापना पदाधिकारी को अभ्यर्थियों की मांगों पर सुनवाई करने का निर्देश दिया.
इधर, अभ्यर्थी अरुण कुमार, सुनील कुमार, संतोष कुमार, बिजेंद्र कुमार, किशोर राम, प्रतीक राम, भूपेंद्र कुमार, आमोद कुमार, राजीव रंजन, योगेंद्र प्रजापति, रंजीत कुमार, साबिर आलम, नीतीश कुमार मिश्रा, सच्चिदानंद पाठक, अनूप कुमार, रंजीत कुमार सिन्हा, दीपक ठाकुर, मुकेश कुमार, मो सदाकत, उमेश राम, नरेश राम सहित दर्जनों अभ्यर्थियों का कहना था कि पिछले कई वर्षों से समय-समय पर हमसभी कार्य करते आ रहे हैं. यही नहीं उच्च न्यायालय पटना द्वारा विभागों में रिक्त पड़े पदों को रोस्टर क्लियरेंस कर चतुर्थ वर्गीय पदों के लिए नया विज्ञापन निकालने का आदेश दिया गया है.
यही नहीं वर्तमान जिलाधिकारी भी उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में जिला स्थापना शाखा को रोस्टर अनुमोदन के साथ रिक्तियों की सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिये हैं. बावजूद अभी तक विज्ञापन का प्रकाशन नहीं कराया जा रहा है. इससे स्पष्ट होता है कि जिला प्रशासन उच्च न्यायालय के आदेश को मानना मुनासिब नहीं समझ रहा है.
यदि एक सप्ताह के अंदर नियुक्ति से संबंधित विज्ञापन का प्रकाशन नहीं किया जाता है तो हमसभी अभ्यर्थी जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करते हुए आत्मदाह भी कर सकते हैं. इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी. इधर, डीएम के निर्देश के बाद जिला स्थापना पदाधिकारी ने अभ्यर्थियों को शुक्रवार को वार्ता के लिए बुलाया है. वार्ता में क्या समझौता होता है, यह वार्ता के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा. वैसे अभ्यर्थी अब आर-पार की लड़ाई को तैयार हैं.
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