औरंगाबाद : जिले में अब डीलरों का चयन नये सिरे से होगा. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है. विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल के आदेशानुसार विशेष कार्य पदाधिकारी संगीता सिंह द्वारा आदेश जारी किया गया है.
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नये सिरे से डीलरों का होगा चयन, टीम की जांच के बाद चयन हुआ था रद्द, प्रभात खबर ने ही उजागर किया था मामला
औरंगाबाद : जिले में अब डीलरों का चयन नये सिरे से होगा. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है. विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल के आदेशानुसार विशेष कार्य पदाधिकारी संगीता सिंह द्वारा आदेश जारी किया गया है. पत्रांक-प्र07-जविप्र-29/2011-4410 खाद्य, पटना/दिनांक 18-09-19 के माध्यम से बिहार लक्ष्यित सार्वजनिक […]
पत्रांक-प्र07-जविप्र-29/2011-4410 खाद्य, पटना/दिनांक 18-09-19 के माध्यम से बिहार लक्ष्यित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2016 में निहित प्रावधानों के अनुसार पुन: विज्ञान प्रकाशित कर नये सिरे से चयन की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद जिला प्रशासन द्वारा आगे की प्रक्रिया जल्द शुरू करने की तैयारी चल रही है. जिले में डीलरों की चयन प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी उजागर हुई थी. इसके विरोध में अभ्यर्थी सड़क पर भी उतरे थे.
मामला बढ़ते हुए मगध प्रमंडलीय आयुक्त तक जा पहुंचा था. आयुक्त ने मामले को गंभीरता से लिया था और हाईकोर्ट के आदेश पर टीम गठित कर जांच करायी थी. जांच में चयन प्रक्रिया में अनियमितता सामने आने के बाद आयुक्त ने पत्र संख्या 726, दिनांक-28-08-2019 के माध्यम से चयन प्रक्रिया को रद्द करने का निर्देश दिया था. अब संबंधित विभाग द्वारा नयी प्रक्रिया शुरू कर डीलरों का चयन करने को कहा गया है.
आपूर्ति पदाधिकारी का व्यवहार गैरजिम्मेदाराना
आयुक्त द्वारा गठित जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाया था. जांच टीम में जहानाबाद व नवादा के डीडीसी तथा अरवल के अपर समाहर्ता शामिल थे. टीम में शामिल अधिकारियों ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट शब्दों में कहा है कि चयन प्रक्रिया में तत्कालीन जिला आपूर्ति पदाधिकारी सीमा कुमारी का व्यवहार गैरजिम्मेदाराना पाया गया. आवेदकों की शिकायतों के अवलोकन से यह पाया गया कि कुछ जगहों पर कंप्यूटर में अधिक अंक वाले का चयन किया गया है जबकि कुछ जगह पर अधिक योग्यता वाले का.
निर्णय में एकरूपता नहीं है. कुछ पंचायत में अनारक्षित वर्ग की रिक्ति के विरुद्ध किसी का भी चयन नहीं किया गया है, जबकि पर्याप्त संख्या में उस रिक्ति के दावेदार आवेदक उपलब्ध थे. यही नहीं कंप्यूटर परीक्षा के लिए गठित समिति व जिला आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा न तो परीक्षा ली गयी और न ही विधिवत कंप्यूटर परीक्षा का परिणाम प्रकाशित किया गया.
इस पारदर्शिता युग में कंप्यूटर परीक्षा का परिणाम प्रकाशित के बिना अंतिम चयन सूची प्रकाशित करना गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को परिलक्षित करता है. विज्ञापन में कंप्यूटर परीक्षा लेने का उल्लेख करना, परीक्षा में पारदर्शिता नहीं रहने, बैठक की कार्यवाही प्रतिवेदन में सभी सदस्यों का हस्ताक्षर नहीं होने समेत चयन प्रक्रिया में हुई कई अन्य प्रकार की गड़बड़ियों का जिक्र जांच रिपोर्ट में किया गया है.
239 डीलरों का होना था चयन
औरंगाबाद व दाउदनगर अनुमंडल में कुल 239 डीलरों का चयन होना था. इसके लिए आवेदन लेने के बाद मेधा सूची तक जारी कर दी गयी थी. लेकिन, अभ्यर्थियों ने मेधा सूची में गड़बड़ी देख बवाल शुरू कर दिया था. हालांकि, अभ्यर्थियों द्वारा शिकायत करने के बाद आयुक्त ने मार्च महीने में ही चयन प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए चयनित जनवितरण प्रणाली दुकान के लाइसेंस को स्थगित रखने का निर्देश दिया था.
इधर, सूत्रों की मानें तो चयन प्रक्रिया में सक्रिय बिचौलियों के लिए नये सिरे से बहाली का निर्देश गले का फांस साबित हो रहा है. क्योंकि, चयन प्रक्रिया रद्द होने के बावजूद वे कुछ अभ्यर्थियों को बहना बनाकर बहला-फुसला रहे थे. अब फिर से चयन की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश आने के बाद बिचौलियों के पास बहाना तक नहीं बचा.
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